रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता का कार्यकाल पूरा होने के बाद जल्द ही नए निदेशक की बहाली होगी. रिम्स में निदेशक पद को लेकर कयासों का दौर जारी है. स्वास्थ्य विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ एसजीपीजीआई (SGPGI) में न्यूरो के हेड और देश के बड़े डॉक्टरों में शुमार न्यूरो सर्जन डॉ राजकुमार नए निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते हैं. डॉ राजकुमार न्यूरो के जाने माने डॉक्टर हैं. उन्होंने अपने हाथों से कई बड़े और जटिल ऑपरेशन किए हैं. हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
रिम्स के कई चिकित्सक निदेशक पद की दौड़ में थे शामिलः रिम्स में कार्यरत कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी निदेशक पद के लिए आवेदन दिया था. मिली जानकारी के अनुसार रिम्स के वर्तमान अधीक्षक डॉक्टर हिरेन बिरुवा, डॉ सीबी सहाय सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक निदेशक पद के दौड़ में शामिल हैं.
रिम्स के कई पूर्व निदेशक पूरा नहीं कर पाए कार्यकालः इससे पहले रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया था. तीन साल पूरा होने से पहले ही उन्होंने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. मालूम हो कि रिम्स में कई ऐसे निदेशक आए हैं जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं. डॉ कामेश्वर प्रसाद से पहले डॉक्टर डीके सिंह भी निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं लेकिन उनकी विदाई भी विवादास्पद तरीके से हुई थी. डॉ डीके सिंह के जाने के बाद डॉ मंजू गाड़ी को कार्यकारी निदेशक बनाया गया था. वर्तमान निदेशक डॉ राजीव गुप्ता का कार्यकाल 31 जनवरी तक पूरा होगा. उसके बाद कभी भी नए निदेशक पदभार ग्रहण कर सकते हैं.
डॉक्टर राजकुमार के नाम पर लग चुकी है अंतिम मुहर! स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर राजकुमार के नाम पर लगभग मुहर लग चुकी है. नए निदेशक के रूप में डॉ राजकुमार के लिए कई चुनौतियां होंगी. जिसमें रिम्स की व्यवस्था, मेडिकल छात्रों के हॉस्टल को सुदृढ़ करने की व्यवस्था सहित अस्पताल में आने वाले राज्यभर के मरीजों को सुविधा मुहैया कराने की व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण चुनौतियां होंगी.
12 डॉक्टरों ने किया था रिम्स निदेशक पद के लिए आवेदनः विश्वस्त सूत्रों की मानें तो रिम्स के निदेशक पद के लिए कुल 12 डॉक्टरों ने आवेदन दिया था. जिसमें लखनऊ एसजीपीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉक्टर राजकुमार के नाम पर लगभग मुहर लग चुकी है. अब देखने वाली बात होगी कि नए निदेशक कब तक योगदान करते हैं और वह रिम्स को बेहतर करने के लिए क्या कुछ ठोस कदम उठाते हैं.
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