अयोध्या: एक तरफ प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान जारी है. वहीं, दूसरी तरफ धार्मिक नगरी अयोध्या को त्रेता युग की नगरी बनाने को प्रयासरत योगी सरकार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. महाराष्ट्र से आए साढ़े सात हजार पौधों की खूबसूरती से श्रीराम जन्मभूमि परिसर दिव्यतम नजर आने लगा है. 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत लगभग आठ हजार से अधिक आगंतुक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, तो आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ वहां की हरियाली भी मन मोह लेगी.
महाराष्ट्र से आए पौधों से दमकेगा परिसर: 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को देखते हुए पूरे परिसर को सजाया जा रहा है. फूलों की साज-सज्जा के साथ ही यहां गमले भी लगाए जा रहे हैं. इसके लिए महाराष्ट्र से साढ़े सात हजार से अधिक गमले और पौधे आए हैं. तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट और उप्र वन विभाग की तरफ से इन्हें परिसर में सजाया जा रहा है. पेड़-पौधों की खुशबू से लोग मंत्रमुग्ध हो जाएं. इसकी तैयारी भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और सीएम योगी के निर्देश पर वन विभाग की तरफ से की जा रही है.
इन पौधों से बढ़ेगी परिसर की भव्यता: राम मंदिर प्रांगण में 56 प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं, इनमें एग्लोनेमा रेड-लिपिस्टक, पिंक, ऐलोकेशिया ब्लैक वेलवेट- कुकुलता, वेस्टिल, फिलोड्रेनड्रॉम रिंग ऑफ फायर-बिरकिन, जेनाडू, रेड कांगो, पिंक फायर, पिंक प्रिसेंज, डिफेनबेकिया व्हाइट, होमालोमेना ब्रांज, केलेडियम मिक्स, मेलपिघिया श्रीराम, ड्रकाना महात्मा, सेफलेरा, वेरीगेटेड, लोरोपेटलम, रेडार मचेरा, डिफेनबेकिया बोमानी, मोंसटेरा डेलीसिओसा, आर्केड मिक्स, पीस लिली आदि प्रमुख हैं.
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