नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उधमसिंह नगर जिले के किच्छा विधानसभा क्षेत्र के सिरोली कलां ग्राम का नाम राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका क्षेत्र से हटाकर फिर से ग्रामीण क्षेत्र घोषित करने के आदेश को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगाते हुए, राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई हेतु 8 जनवरी की तिथि नियत की है.
मामले के अनुसार, उधमसिंह नगर के किच्छा के सिरोली कलां ग्राम निवासी मोहम्मद यासीन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि किच्छा नगर पालिका के विस्तारीकरण में साल 2018 में सिरोली कलां ग्राम, बंडिया, देवरिया और आजाद नगर को शामिल किया गया था. वर्ष 2018 में ही नगर पालिका के चुनाव हुए. जिसमें सिरोली कलां ग्राम क्षेत्र में तीन वार्ड 18, 19, 20 और कुछ क्षेत्र वार्ड नंबर 17 में शामिल किया गया.
याचिका में कहा गया कि सिरोली कलां नगर पालिका किच्छा में विगत 6 वर्षों से शामिल है. नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ रुपए के विकास कार्य किए जा चुके हैं. जबकि वर्तमान में सिरोली कलां को किच्छा नगर पालिका से ग्रामीण क्षेत्र में पृथक (अलग) किया जा रहा है. जिसका सिरोली कलां क्षेत्रवासी विरोध करते आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि सिरोली कलां ग्राम को नगर पालिका में ही रखा जाए. नगर पालिका में शामिल होने पर उनको कई सुविधाएं मिली हैं.
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