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किच्छा के सिरोली कलां ग्राम को पालिका क्षेत्र से हटाने पर रोक, HC ने सरकार से मांगा जवाब - HEARING ON SIROLIKALAN VILLAGE CASE

हाईकोर्ट ने सिरोली कलां ग्राम मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले पर रोक लगाई. कोर्ट ने सरकार समेत पक्षकार से जवाब मांगा है.

Uttarakhand Highcourt
हाईकोर्ट ने किच्छा के सिरोली कलां ग्राम को पालिका क्षेत्र से हटाने पर रोक लगाई (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 13, 2024, 4:39 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उधमसिंह नगर जिले के किच्छा विधानसभा क्षेत्र के सिरोली कलां ग्राम का नाम राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका क्षेत्र से हटाकर फिर से ग्रामीण क्षेत्र घोषित करने के आदेश को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगाते हुए, राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई हेतु 8 जनवरी की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार, उधमसिंह नगर के किच्छा के सिरोली कलां ग्राम निवासी मोहम्मद यासीन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि किच्छा नगर पालिका के विस्तारीकरण में साल 2018 में सिरोली कलां ग्राम, बंडिया, देवरिया और आजाद नगर को शामिल किया गया था. वर्ष 2018 में ही नगर पालिका के चुनाव हुए. जिसमें सिरोली कलां ग्राम क्षेत्र में तीन वार्ड 18, 19, 20 और कुछ क्षेत्र वार्ड नंबर 17 में शामिल किया गया.

याचिका में कहा गया कि सिरोली कलां नगर पालिका किच्छा में विगत 6 वर्षों से शामिल है. नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ रुपए के विकास कार्य किए जा चुके हैं. जबकि वर्तमान में सिरोली कलां को किच्छा नगर पालिका से ग्रामीण क्षेत्र में पृथक (अलग) किया जा रहा है. जिसका सिरोली कलां क्षेत्रवासी विरोध करते आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि सिरोली कलां ग्राम को नगर पालिका में ही रखा जाए. नगर पालिका में शामिल होने पर उनको कई सुविधाएं मिली हैं.

ये भी पढ़ेंः जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों-चेयरमैन की तैनाती का मामला, HC ने सचिव से पूछा सवाल, अगली सुनवाई पर मांगा जवाब

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उधमसिंह नगर जिले के किच्छा विधानसभा क्षेत्र के सिरोली कलां ग्राम का नाम राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका क्षेत्र से हटाकर फिर से ग्रामीण क्षेत्र घोषित करने के आदेश को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगाते हुए, राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई हेतु 8 जनवरी की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार, उधमसिंह नगर के किच्छा के सिरोली कलां ग्राम निवासी मोहम्मद यासीन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि किच्छा नगर पालिका के विस्तारीकरण में साल 2018 में सिरोली कलां ग्राम, बंडिया, देवरिया और आजाद नगर को शामिल किया गया था. वर्ष 2018 में ही नगर पालिका के चुनाव हुए. जिसमें सिरोली कलां ग्राम क्षेत्र में तीन वार्ड 18, 19, 20 और कुछ क्षेत्र वार्ड नंबर 17 में शामिल किया गया.

याचिका में कहा गया कि सिरोली कलां नगर पालिका किच्छा में विगत 6 वर्षों से शामिल है. नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ रुपए के विकास कार्य किए जा चुके हैं. जबकि वर्तमान में सिरोली कलां को किच्छा नगर पालिका से ग्रामीण क्षेत्र में पृथक (अलग) किया जा रहा है. जिसका सिरोली कलां क्षेत्रवासी विरोध करते आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि सिरोली कलां ग्राम को नगर पालिका में ही रखा जाए. नगर पालिका में शामिल होने पर उनको कई सुविधाएं मिली हैं.

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