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सरकार को बड़ा झटका! इस जिले की सहकारी समिति के अध्यक्ष पद पर महिला आरक्षण पर HC की रोक - Cooperative Women Reservation - COOPERATIVE WOMEN RESERVATION

Cooperative Societies President Women Reservation नैनीताल हाईकोर्ट से सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उधमसिंह नगर जिले की सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए महिला आरक्षण पर रोक लगा दी है. साथ ही जवाब भी मांगा है.

Uttarakhand High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 1, 2024, 8:26 PM IST

नैनीताल: उधमसिंह नगर जिले की सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए महिला आरक्षण पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही सरकार से चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती: गौर हो कि उधमसिंह नगर जिले के खटीमा निवासी प्रकाश सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर चुनौती दी है. जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार ने 4 जुलाई 2024 को एक अधिसूचना जारी किया गया था. जिसमें प्रदेश की सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित कर दिया. इसके तहत 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया.

इसमें उधमसिंह नगर जिले की 35 सहकारी समितियों में से 12 समितियों के अध्यक्षों पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया. याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि सभी समितियां स्ववित्तपोषित हैं. ऐसे में सरकार का यह कदम पूरी तरह से गलत है. ये भी कहा गया कि एक समिति में अध्यक्ष का एक पद मौजूद होता है, इसलिए उसे आरक्षित नहीं किया जा सकता है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस पुंडीर ने दी ये जानकारी: वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस पुंडीर ने बताया कि अदालत ने अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण पर रोक लगाते हुए प्रदेश में निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं. अध्यक्ष पदों के लिए महिला आरक्षण पर रोक लगने से सरकार को बड़ा झटका लगा है. इतना ही नहीं मामले में सरकार को जवाब भी पेश करना होगा. आज इस पूरे प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

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सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती: गौर हो कि उधमसिंह नगर जिले के खटीमा निवासी प्रकाश सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर चुनौती दी है. जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार ने 4 जुलाई 2024 को एक अधिसूचना जारी किया गया था. जिसमें प्रदेश की सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित कर दिया. इसके तहत 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया.

इसमें उधमसिंह नगर जिले की 35 सहकारी समितियों में से 12 समितियों के अध्यक्षों पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया. याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि सभी समितियां स्ववित्तपोषित हैं. ऐसे में सरकार का यह कदम पूरी तरह से गलत है. ये भी कहा गया कि एक समिति में अध्यक्ष का एक पद मौजूद होता है, इसलिए उसे आरक्षित नहीं किया जा सकता है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस पुंडीर ने दी ये जानकारी: वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस पुंडीर ने बताया कि अदालत ने अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण पर रोक लगाते हुए प्रदेश में निर्वाचन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं. अध्यक्ष पदों के लिए महिला आरक्षण पर रोक लगने से सरकार को बड़ा झटका लगा है. इतना ही नहीं मामले में सरकार को जवाब भी पेश करना होगा. आज इस पूरे प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

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