नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल ने भगवानपुर हरिद्वार के एक अंतरजातीय प्रेमी जोड़े को सुरक्षा दिलाए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने एसएचओ (Station House Officer) भगवानपुर को निर्देश दिए हैं कि प्रेमी जोड़े को सुरक्षा दें.
अंतरजातीय प्रेम विवाह करने वाले युगल को सुरक्षा देने के आदेश: हाईकोर्ट ने साथ में यह भी कहा है कि जिन लोगों से प्रेमी जोड़े को जानमाल का खतरा है, उनके साथ इनका सुलहनामा कराएं. अब मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी. तब तक राज्य सरकार अपना जवाब पेश करे. दरअसल इस जोड़े ने युवती पक्ष के लोगों द्वारा धमकी मिलने और जानमाल के खतरे की आशंका जताई है.
ये है पूरा मामला: मामले के अनुसार हरिद्वार के भगवानपुर निवासी अंतरजातीय प्रेमी जोड़े ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उन्होंने सितंबर 2023 में आपसी सहमति से विवाह किया था. विवाह के दौरान दोनों वयस्क थे. उसके बाद उन्होंने अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन भी कर लिया था. विवाह का रजिस्ट्रेशन कराना वर्तमान समय में आवश्यक है.
जिनसे खतरा है उनसे सुलह कराने का आदेश: युगल का आरोप है की उनकी शादी से उनके सगे संबंधी नाखुश थे. युवती के रिश्तेदार बार-बार उन्हें जान से मारने और आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं. युगल का कहना है कि वो दोनों वयस्क हैं और उन्होंने यह शादी अपनी मर्जी से की है. इसलिए उन्हें उनसे सुरक्षा दिलाई जाए. हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद खंडपीठ ने उन्हें सुरक्षा देने के आदेश देते हुए कहा कि जिन लोगों से उन्हें खतरा है, उनके साथ सुलहनामा कराया जाए. हाईकोर्ट ने भगवानपुर थाने के एसएचओ को ये आदेश दिए हैं.
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