नैनीताल: उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 8 मई की तिथि नियत की है.
दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर से बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह समेत 102 लोगों ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिकाओं में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर से लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 और 29 सितंबर 2022 को समाप्त कर दी गई थी.
बर्खास्तगी आदेश में किस आधार और किस कारण से उन्हें हटाया गया, इसका कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया, न ही उन्हें सुना गया. जबकि, उन्होंने सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति काम किया. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है.
यह आदेश विधि के खिलाफ है. साल 2001 से 2015 के बीच भी विधानसभा सचिवालय में बैक डोर नियुक्तियां हुई है. जो 396 पदों पर हुई, उन्हें भी नियमित किया जा चुका है. याचिकाओं में कहा गया है कि साल 2014 तक हुई तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार साल से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई, लेकिन उन्हें 6 साल के बाद भी नियमित नहीं किया गया.
अब उन्हें हटा दिया गया. इससे पहले उनकी नियुक्ति को साल 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी. जिसमें हाईकोर्ट ने उनके हित में आदेश दिया था और माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है. जबकि, नियमानुसार 6 महीने की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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