नैनीताल: देहरादून नगर निगम में होर्डिंग और यूनिपोल के टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने जो जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी है, उस पर सरकार ने क्या एक्शन लिया? इसकी रिपोर्ट चार हफ्ते के भीतर कोर्ट में पेश करें.
देहरादून नगर निगम ने कोर्ट में दी ये दलील: नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान देहरादून नगर निगम की तरफ से कहा गया कि कोर्ट के आदेश के बाद निगम ने जांच कमेटी गठित की. फिर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस पर कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अब पूरे मामले की सुनवाई आगामी 3 दिसंबर को होगी.
क्या है मामला? दरअसल, देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उनका कहना है कि साल 2013 से 2023 तक होर्डिंग और यूनिपोल की टेंडर प्रक्रिया में कई तरह की अनियमितता हुई हैं. जिससे देहरादून नगर निगम को करीब 300 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है.
बीती 11 अगस्त 2023 को उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन मेयर और सचिव शहरी विकास से की. शिकायत में पूछा गया था कि 325 अवैध होर्डिंगों की वसूली किसने की और कौन इनको बेच रहा है? इसकी जांच कराई जाए, लेकिन अभी तक उनकी शिकायत पर नगर निगम और प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि साल 2019 में देहरादून नगर निगम ने एक कमेटी बनाकर इसका सर्वे भी कराया. जिसमें 325 होर्डिंग अवैध पाए गए. उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनकी ओर से जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस मामले की जांच करने के आदेश सरकार को दिया जाए.
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