नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर की चार कॉलोनियों पम्पापुरी, भरतपुरी, दुर्गापुरी और कौशलियापुरी को नियमितीकरण करने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास को याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को संशोधित नियमों के तहत निस्तारित करते हुए निर्णय लेने के निर्देश दिए.
रामनगर के चार कॉलोनियों को नियमितीकरण से जुड़ा है मामला: दरअसल, रामनगर निवासी शंकर दत्त बोडाई ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि साल 2010 से रामनगर के पम्पापुरी, भरतपुरी, दुर्गापुरी और कौशलियापुरी चार कॉलोनियों को नियमितीकरण करने की मांग चली आ रही है. इस पर सरकार ने सहमति जताते हुए साल 2017 में इसकी सर्वे करने की मंजूरी दी. जिस पर साल 2020 में सर्वे का काम शुरू हुआ.
पक्के मकान होने की वजह से सर्वे में परेशानी: वहीं, सर्वे के दौरान एक समस्या खड़ी हो गई. जिसमें पाया गया कि इन कॉलोनियों के सभी मकान पक्के हैं. ऐसे में पक्के मकानों का सर्वे फीता लगाकर नहीं किया जा सकता. ऐसे में बाद में सरकार ने इसे वापस लेकर ड्रोन मैपिंग और डिजिटल मैपिंग से सर्वे करने का निर्णय लिया. सर्वे कमेटी ने भी इससे कराने की संस्तुति दे दी, लेकिन सरकार ने उनके प्रत्यावेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया.
जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि उनके प्रत्यावेदन पर निर्णय लिया जाए और सर्वे कर उनका नियमितीकरण किया जाए. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री ने भी इन्हें नियमितीकरण करने को घोषणा की है. जिस पर अब हाईकोर्ट ने सचिव शहरी विकास को याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को संशोधित नियमों के तहत निस्तारित कर निर्णय लेने को कहा है.
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