नैनीताल: गढ़वाल मंडल के तत्कालीन अपर निदेशक और वर्तमान में निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) महावीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 4 जुलाई तक यह बताने को कहा है कि उनके खिलाफ जो जांच चल रही थी, उस पर क्या हुआ? स्थिति स्पष्ट करें.
दरअसल, उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहने के दौरान महावीर सिंह बिष्ट पर गंभीर आरोप लगे हैं. विभागीय जांच में उन पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है, लेकिन शासन की ओर से अभी तक महावीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई. इतना ही नहीं सरकार ने उन्हें निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पद का इंचार्ज बना दिया.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहते हुए महावीर सिंह बिष्ट ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. महावीर बिष्ट पर आरोप है कि उन्होंने बीते साल की सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण सूची में छेड़छाड़, अपने नजदीकी रिश्तेदार की नियुक्ति प्रक्रिया और बिना विधि की डिग्री पाए व्यक्ति को विधि अधिकारी नियुक्ति करने में अनियमितता की है.
वहीं, जनहित याचिका में महावीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. फिलहाल, इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से जांच रिपोर्ट को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.
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