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पिथौरागढ़ में अवैध सड़क निर्माण मामले में HC में सुनवाई, सरकार को पेश करना होगा जवाब - नैनीताल हाईकोर्ट

Illegal Road Construction in Pithoragarh नैनीताल हाईकोर्ट में पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव में खनन सामग्री को लाने और ले जाने के लिए पट्टाधारक की ओर से बनाई गई अवैध सड़क निर्माण मामले में सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 हफ्ते के भीतर जवाब पेश को कहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 21, 2024, 3:29 PM IST

नैनीताल: पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव में खनन सामग्री को लाने और ले जाने के लिए पट्टाधारक की ओर से अवैध रूप से सड़क निर्माण करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका के क्षेत्र को विस्तृत करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में जहां-जहां अवैध खनन हो रहा है, उन शिकायतों पर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? उस संबंध में 6 हफ्ते के भीतर एक विस्तृत जवाब पेश करें.

22 मई को अगली सुनवाई: अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी. मामले के अनुसार, पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव निवासी नीमा वल्दिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके गांव में नदी किनारे सरकार ने खनन के लिए साल 2022 में पट्टा लीज पर दिया था. शुरू में पट्टाधारक ने मजदूर लगाकर खनन कार्य किया. बाद में खनन सामग्री को लाने और ले जाने के लिए बिना अनुमति के वहां पर सड़क निर्माण करा दिया.

100 से ज्यादा काटे गए खैर के पेड़: सड़क निर्माण के दौरान पट्टाधारक ने 100 से ज्यादा खैर के पेड़ काटे डाले, जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो कुछ समय के लिए उसने सड़क निर्माण का काम बंद कर दिया. विरोध के शांत होने के बाद उसने फिर से सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया. जिला प्रशासन ने भी उनकी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं लिया. लिहाजा, अब जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि अवैध रूप से बन रही सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए. फिलहाल, हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है.

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22 मई को अगली सुनवाई: अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी. मामले के अनुसार, पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव निवासी नीमा वल्दिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके गांव में नदी किनारे सरकार ने खनन के लिए साल 2022 में पट्टा लीज पर दिया था. शुरू में पट्टाधारक ने मजदूर लगाकर खनन कार्य किया. बाद में खनन सामग्री को लाने और ले जाने के लिए बिना अनुमति के वहां पर सड़क निर्माण करा दिया.

100 से ज्यादा काटे गए खैर के पेड़: सड़क निर्माण के दौरान पट्टाधारक ने 100 से ज्यादा खैर के पेड़ काटे डाले, जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो कुछ समय के लिए उसने सड़क निर्माण का काम बंद कर दिया. विरोध के शांत होने के बाद उसने फिर से सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया. जिला प्रशासन ने भी उनकी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं लिया. लिहाजा, अब जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि अवैध रूप से बन रही सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए. फिलहाल, हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है.

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