नैनीताल: हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी के पास सड़क की भूमि पर अतिक्रमण कर करीब 200 दुकानें बनाकर उन्हें किराए पर दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार के साथ ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को 6 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. अब पूरे मामले की सुनवाई आगामी 13 अक्टूबर को होगी.
सड़क की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप: दरअसल, हरिद्वार निवासी अधिवक्ता रोहिताश शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि गुरुकुल कांगड़ी के पास अवधूत मंडल आश्रम की ओर से साढ़े तीन मीटर सड़क की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. इतना ही नहीं, करीब दो सौ दुकानों का निर्माण कर उन्हें किराए पर दिया गया है. जबकि, यह सड़क हरिद्वार के व्यस्तम मार्गों में से एक है.
एचआरडीए की रिपोर्ट गायब करने का आरोप: याचिकाकर्ता ने कहा है कि एचआरडीए यानी हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने साल 2012 में अपनी रिपोर्ट जारी कर कहा था कि सरकारी नक्शे के अनुसार सड़क की चौड़ाई साढ़े सात मीटर होनी चाहिए थी, जो कि मौजूदा स्थिति में साढ़े तीन मीटर कम पाई गई है. जब इसकी रिपोर्ट याचिकाकर्ता ने आरटीआई (सूचना के अधिकार) के तहत मांगी तो संबंधित फाइल जिला विकास प्राधिकरण के कार्यालय से गायब थी.
मामले में मजिस्ट्रेट के आदेश पर हुआ मुकदमा: याचिकाकर्ता की ओर से शिकायत करने पर जनवरी 2024 में इस प्रकरण पर मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन अभी तक पुलिस ने इसकी जांच तक पूरी नहीं की. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि इसमें जो भी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए. साथ ही सड़क पर हुए अतिक्रमण को जल्द हटाया जाए. इसके अलावा मजिस्ट्रेट के आदेश पर दर्ज मुकदमे की जांच भी जल्द कराई जाए.
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह मार्ग हरिद्वार का अति व्यस्तम मार्ग है. उनका आरोप है कि हरिद्वार में धर्म को आधार मानकर आश्रम वासियों ने कई सार्वजनिक स्थानों पर अवैध कब्जा किया हुआ है. जो अपने व्यावसायिक कारोबार कर रहे हैं. लिहाजा, जनहित को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्थानों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए.
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