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उत्तराखंड निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के मामले में सुनवाई, HC ने सरकार को दिए ये आदेश

उत्तराखंड में निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई, 6 नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने के आदेश

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Uttarakhand High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)

नैनीताल: उत्तराखंड में निकाय चुनाव होने हैं. ऐसे में निकाय चुनाव में ओबीसी का आरक्षण तय करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 6 नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने को कहा है.

आज यानी 16 अक्टूबर को हुए सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार साल 2011 की जनगणना के अनुसार निकायों में आरक्षण निर्धारित कर रही है. जबकि, साल 2018 के निकाय चुनाव इसी आधार पर संपन्न हुए थे, लेकिन वर्तमान समय में पहाड़ के बजाय प्रदेश के मैदानी इलाकों में ओबीसी का वोट बैंक बढ़ा है. इसलिए ओबीसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया जाए.

6 नवंबर तक स्थिति से कराना होगा अवगत: वहीं, राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसमें इनसे आपत्ति मांगी गई है. आपत्तियों का निस्तारण 27 अक्टूबर तक हो जाएगा. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से आगामी 6 नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए हैं. अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.

गौर हो कि उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियों में सरकार जुटी हुई है. सरकार की ओर से कोर्ट में दिए गए एफिडेविट के मुताबिक आगामी 10 नवंबर को निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. यानी जल्द ही निकाय चुनाव करवाए जा सकते हैं. जबकि, 27 नवंबर को उत्तराखंड में पंचायतों का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव भी कराने होंगे.

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नैनीताल: उत्तराखंड में निकाय चुनाव होने हैं. ऐसे में निकाय चुनाव में ओबीसी का आरक्षण तय करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 6 नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने को कहा है.

आज यानी 16 अक्टूबर को हुए सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार साल 2011 की जनगणना के अनुसार निकायों में आरक्षण निर्धारित कर रही है. जबकि, साल 2018 के निकाय चुनाव इसी आधार पर संपन्न हुए थे, लेकिन वर्तमान समय में पहाड़ के बजाय प्रदेश के मैदानी इलाकों में ओबीसी का वोट बैंक बढ़ा है. इसलिए ओबीसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया जाए.

6 नवंबर तक स्थिति से कराना होगा अवगत: वहीं, राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसमें इनसे आपत्ति मांगी गई है. आपत्तियों का निस्तारण 27 अक्टूबर तक हो जाएगा. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से आगामी 6 नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए हैं. अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.

गौर हो कि उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियों में सरकार जुटी हुई है. सरकार की ओर से कोर्ट में दिए गए एफिडेविट के मुताबिक आगामी 10 नवंबर को निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. यानी जल्द ही निकाय चुनाव करवाए जा सकते हैं. जबकि, 27 नवंबर को उत्तराखंड में पंचायतों का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव भी कराने होंगे.

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