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सड़क कटिंग का मलबा खेतों में डालने के बाद नहीं दिया मुआवजा, HC ने बीआरओ डीजी को दिया ये आदेश

खेतों में मलबा डालने फिर मुआवजा न देने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. बीआरओ डीजी को कोर्ट में पेश होना होगा.

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 16, 2024, 3:42 PM IST

नैनीताल: पिथौरागढ़ में सड़क का मलबा खेत में डालने फिर मुआवजा न देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने पूर्व के आदेश पर बीआरओ की ओर से साल 2023 से शपथ पत्र पेश न करने और बार-बार कोर्ट की आदेशों का अवहेलना करने पर कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. साथ ही उन्हें आगामी 6 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है.

सड़क निर्माण के दौरान कृषि भूमि पर मलबा डालने का है मामला: दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला निवासी कुंदन सिंह ने साल 2023 में नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 1996 में तवाघाट से पांगती के लिए बीआरओ ने सड़क का निर्माण किया था, लेकिन सड़क निर्माण के दौरान बीआरओ ने मलबा उनकी कृषि योग्य भूमि पर डाल डाल दी. मलबे की वजह से उनकी कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई. आरोप है कि जब उन्होंने इसका मुआवजा मांगा तो बीआरओ की ओर से बार-बार आश्वासन ही दिया गया, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया.

इसके बाद साल 2023 में उन्होंने (कुंदन सिंह) ने नैनीताल हाईकोर्ट में मुआवजा दिलाए जाने को लेकर याचिका दायर की. पूर्व में हुई सुनवाई पर कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि इसपर जवाब दें. साथ ही कोर्ट को बताएं कि क्यों अभी तक पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया? लेकिन 2023 से अभी तक बीआरओ की ओर से कोर्ट में कोई शपथ पत्र पेश नहीं किया गया.

बीती 21 अगस्त को कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि या तो शपथपत्र करें, ऐसा नहीं करने पर डीजी बीआरओ 15 अक्टूबर को खुद कोर्ट में पेश हों, लेकिन न शपथपत्र पेश किया न ही बीआरओ डीजी पेश हुए. जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद डीजी बीआरओ नई दिल्ली के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 6 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

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नैनीताल: पिथौरागढ़ में सड़क का मलबा खेत में डालने फिर मुआवजा न देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने पूर्व के आदेश पर बीआरओ की ओर से साल 2023 से शपथ पत्र पेश न करने और बार-बार कोर्ट की आदेशों का अवहेलना करने पर कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. साथ ही उन्हें आगामी 6 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है.

सड़क निर्माण के दौरान कृषि भूमि पर मलबा डालने का है मामला: दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला निवासी कुंदन सिंह ने साल 2023 में नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 1996 में तवाघाट से पांगती के लिए बीआरओ ने सड़क का निर्माण किया था, लेकिन सड़क निर्माण के दौरान बीआरओ ने मलबा उनकी कृषि योग्य भूमि पर डाल डाल दी. मलबे की वजह से उनकी कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई. आरोप है कि जब उन्होंने इसका मुआवजा मांगा तो बीआरओ की ओर से बार-बार आश्वासन ही दिया गया, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया.

इसके बाद साल 2023 में उन्होंने (कुंदन सिंह) ने नैनीताल हाईकोर्ट में मुआवजा दिलाए जाने को लेकर याचिका दायर की. पूर्व में हुई सुनवाई पर कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि इसपर जवाब दें. साथ ही कोर्ट को बताएं कि क्यों अभी तक पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया? लेकिन 2023 से अभी तक बीआरओ की ओर से कोर्ट में कोई शपथ पत्र पेश नहीं किया गया.

बीती 21 अगस्त को कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि या तो शपथपत्र करें, ऐसा नहीं करने पर डीजी बीआरओ 15 अक्टूबर को खुद कोर्ट में पेश हों, लेकिन न शपथपत्र पेश किया न ही बीआरओ डीजी पेश हुए. जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद डीजी बीआरओ नई दिल्ली के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 6 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

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