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हिमाचल वन निगम के इस ऑफिस ने सिर्फ टेंडर फार्म बेचकर कमाए लाखों रुपये, 72 लाख की सेविंग भी - Nahan Forest Corporation

Nahan Forest Corporation Earnings: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में वन निगम नाहन सुक्खू सरकार के लिए कमाऊ पूत साबित हो रहा है. इस निगम 72 लाख की सेविंग भी की है. इस वित्त वर्ष में वन निग प्रॉफिट के लक्ष्य को भी करीब 2 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
वन निगम नाहन ने की 72 करोड़ रुपए की सेविंग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 9:45 AM IST

Updated : Jul 31, 2024, 12:14 PM IST

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश वन निगम ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2.17 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 में 10.04 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया. पिछले वर्ष मानसून के प्रकोप के कारण शिमला शहर में क्षतिग्रस्त हर 618 पेड़ों की लकड़ी को बेचकर भी निगम ने 2.50 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. हाल ही में शिमला में राज्य वन विकास निगम की 214वीं निदेशक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी निगम के इन प्रयासों की सराहना की.

हिमाचल प्रदेश वन निगम नाहन (ETV Bharat)

वन निगम नाहन ने की 72 करोड़ रुपए की सेविंग

इसी कड़ी में अगर सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में स्थित वन निगम नाहन के डिवीजन ऑफिस की बात करें, तो इस ऑफिस ने सिर्फ टैंडर फार्म की बिक्री से ही 6.50 लाख रुपये कमाए. यही नहीं यहां 72 लाख की सेविंग भी की गई. वन निगम को फायदे में लाने के लिए डिवीजन ऑफिस द्वारा कुछ इनोवेशन सहित अन्य कार्य किए गए. इसी के चलते कुछ ही समय में वन निगम नाहन का यह कार्यालय कमाऊ पूत बनकर सामने आ रहा है. यही नहीं इस वित्त वर्ष में प्रॉफिट के लक्ष्य को भी करीब 2 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है, ताकि वन निगम को ज्यादा से ज्यादा फायदे में लाया जा सके.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
वन निगम नाहन ने सिर्फ टेंडर बेच कर कमाए 6.50 लाख रुपये (ETV Bharat)

1972 में की गई थी वन निगम की स्थापना

वन निगम नाहन कार्यालय के मंडलीय प्रबंधक एके वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1972 में वन निगम की स्थापना की गई और तभी से जिला मुख्यालय नाहन में भी निगम का डिवीजन ऑफिस चल रहा है. जंगलों से सूखे-गिरे पेड़ों को काटने के अलावा बिरोजे से संबंधित काम वन निगम देखता है. यह कार्य वन विभाग स्वयं न करके वन निगम को देता है और निगम इन सूखे व गिरे पेड़ों को काटकर उनके लॉट बनाकर लकड़ी को डिपो के जरिए से विक्रय करता है.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
1972 में की हुई थी वन निगम नाहन की स्थापना (ETV Bharat)

वेतन सहित खुद जुटाने पड़ते हैं संसाधन

बता दें कि वन निगम को सरकार की तरफ से भी कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती. लिहाजा वन निगम अपने कर्मचारियों का वेतन इत्यादि भी अपने ही संसाधनों से जुटाता है. पिछले कुछ समय में वन निगम नाहन की आमदनी बढ़ाने के लिए भी कुछ आवश्यक कदम उठाए गए हैं.

135 लॉटस के टेंडर फार्म से ही कमाए 6.50 लाख

एके वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष विभिन्न लकड़ी के करीब 135 लॉटस के टेंडर करवाए गए. इसमें वन निगम ने अकेले टेंडर फार्म बेचकर ही करीब 6.50 लाख रुपए की बिक्री की. अधिक कम्टीशन करवाने के चलते उपरोक्त लॉटस में 72 लाख रुपए की सेविंग यानी बचत केवल इसके प्रोसेस में ही कर ली गई.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
135 लॉट से वन निगम नाहन को 5.50 करोड़ का प्रॉफिट (ETV Bharat)

इन साल साढ़े 7 करोड़ तक प्रॉफिट को ले जाना का प्रयास

मंडलीय प्रबंधक वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए का प्रॉफिट वन निगम कार्यालय नाहन से दिया गया. इस वर्ष की बेलेंस शीट बनाई जानी है और प्रबंधन का प्रयास है कि इस मर्तबा वन निगम के प्रॉफिट को लगभग साढ़े 7 करोड़ रुपए के आसपास ले जाया जाए. यानी पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 2 करोड़ रुपये अधिक प्रॉफिट का टारगेट अचीव करने का प्रयास रहेगा, ताकि वह निगम को ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट में लाया जा सके.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
इस साल निगम ने रखा प्रॉफिट 7 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य (ETV Bharat)

वन निगम नाहन के अंतर्गत इतना एरिया

एके वर्मा ने बताया कि वन निगम नाहन के तहत डीएफओ नाहन, राजगढ़, रेणुका जी और डीएफओ पांवटा साहिब के कार्यालय आते हैं. वन विभाग द्वारा लगभग पूरे जिले से लकड़ी व बिरोजे से संबंधित कार्य वन निगम को दिया जाता है. यहां से खैर की लकड़ी वन निगम के कटासन डिपो में भेजी जाती है, जबकि अन्य सभी लकड़ियों को पांवटा साहिब डिपो में ले जाया जाता हैै. इसके बाद पांवटा साहिब डिपो में लकड़ी की नीलामी करवाई जाती है. कुल मिलाकर वन निगम एक सरकारी क्षेत्र का उपक्रम है और नाहन सहित पूरे प्रदेश में वन निगम एक अच्छा लाभ सरकार को देने की दिशा में कार्य कर रहा है, जिसकी बैठक में स्वयं मुख्यमंत्री भी सराहना कर चुके है. साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा यह विश्वास भी दिलाया कि प्रदेश सरकार वन निगम को आत्मनिर्भर और लाभप्रद बनाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के लिए कमाऊ पूत बनी ये फैक्टरी, हर साल दे रही 5 करोड़ का GST, जानें इनमें क्या है खास ?

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश वन निगम ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2.17 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 में 10.04 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया. पिछले वर्ष मानसून के प्रकोप के कारण शिमला शहर में क्षतिग्रस्त हर 618 पेड़ों की लकड़ी को बेचकर भी निगम ने 2.50 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. हाल ही में शिमला में राज्य वन विकास निगम की 214वीं निदेशक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी निगम के इन प्रयासों की सराहना की.

हिमाचल प्रदेश वन निगम नाहन (ETV Bharat)

वन निगम नाहन ने की 72 करोड़ रुपए की सेविंग

इसी कड़ी में अगर सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में स्थित वन निगम नाहन के डिवीजन ऑफिस की बात करें, तो इस ऑफिस ने सिर्फ टैंडर फार्म की बिक्री से ही 6.50 लाख रुपये कमाए. यही नहीं यहां 72 लाख की सेविंग भी की गई. वन निगम को फायदे में लाने के लिए डिवीजन ऑफिस द्वारा कुछ इनोवेशन सहित अन्य कार्य किए गए. इसी के चलते कुछ ही समय में वन निगम नाहन का यह कार्यालय कमाऊ पूत बनकर सामने आ रहा है. यही नहीं इस वित्त वर्ष में प्रॉफिट के लक्ष्य को भी करीब 2 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है, ताकि वन निगम को ज्यादा से ज्यादा फायदे में लाया जा सके.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
वन निगम नाहन ने सिर्फ टेंडर बेच कर कमाए 6.50 लाख रुपये (ETV Bharat)

1972 में की गई थी वन निगम की स्थापना

वन निगम नाहन कार्यालय के मंडलीय प्रबंधक एके वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1972 में वन निगम की स्थापना की गई और तभी से जिला मुख्यालय नाहन में भी निगम का डिवीजन ऑफिस चल रहा है. जंगलों से सूखे-गिरे पेड़ों को काटने के अलावा बिरोजे से संबंधित काम वन निगम देखता है. यह कार्य वन विभाग स्वयं न करके वन निगम को देता है और निगम इन सूखे व गिरे पेड़ों को काटकर उनके लॉट बनाकर लकड़ी को डिपो के जरिए से विक्रय करता है.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
1972 में की हुई थी वन निगम नाहन की स्थापना (ETV Bharat)

वेतन सहित खुद जुटाने पड़ते हैं संसाधन

बता दें कि वन निगम को सरकार की तरफ से भी कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती. लिहाजा वन निगम अपने कर्मचारियों का वेतन इत्यादि भी अपने ही संसाधनों से जुटाता है. पिछले कुछ समय में वन निगम नाहन की आमदनी बढ़ाने के लिए भी कुछ आवश्यक कदम उठाए गए हैं.

135 लॉटस के टेंडर फार्म से ही कमाए 6.50 लाख

एके वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष विभिन्न लकड़ी के करीब 135 लॉटस के टेंडर करवाए गए. इसमें वन निगम ने अकेले टेंडर फार्म बेचकर ही करीब 6.50 लाख रुपए की बिक्री की. अधिक कम्टीशन करवाने के चलते उपरोक्त लॉटस में 72 लाख रुपए की सेविंग यानी बचत केवल इसके प्रोसेस में ही कर ली गई.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
135 लॉट से वन निगम नाहन को 5.50 करोड़ का प्रॉफिट (ETV Bharat)

इन साल साढ़े 7 करोड़ तक प्रॉफिट को ले जाना का प्रयास

मंडलीय प्रबंधक वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए का प्रॉफिट वन निगम कार्यालय नाहन से दिया गया. इस वर्ष की बेलेंस शीट बनाई जानी है और प्रबंधन का प्रयास है कि इस मर्तबा वन निगम के प्रॉफिट को लगभग साढ़े 7 करोड़ रुपए के आसपास ले जाया जाए. यानी पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 2 करोड़ रुपये अधिक प्रॉफिट का टारगेट अचीव करने का प्रयास रहेगा, ताकि वह निगम को ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट में लाया जा सके.

Nahan Forest Corporation Earnings in Sirmaur
इस साल निगम ने रखा प्रॉफिट 7 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य (ETV Bharat)

वन निगम नाहन के अंतर्गत इतना एरिया

एके वर्मा ने बताया कि वन निगम नाहन के तहत डीएफओ नाहन, राजगढ़, रेणुका जी और डीएफओ पांवटा साहिब के कार्यालय आते हैं. वन विभाग द्वारा लगभग पूरे जिले से लकड़ी व बिरोजे से संबंधित कार्य वन निगम को दिया जाता है. यहां से खैर की लकड़ी वन निगम के कटासन डिपो में भेजी जाती है, जबकि अन्य सभी लकड़ियों को पांवटा साहिब डिपो में ले जाया जाता हैै. इसके बाद पांवटा साहिब डिपो में लकड़ी की नीलामी करवाई जाती है. कुल मिलाकर वन निगम एक सरकारी क्षेत्र का उपक्रम है और नाहन सहित पूरे प्रदेश में वन निगम एक अच्छा लाभ सरकार को देने की दिशा में कार्य कर रहा है, जिसकी बैठक में स्वयं मुख्यमंत्री भी सराहना कर चुके है. साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा यह विश्वास भी दिलाया कि प्रदेश सरकार वन निगम को आत्मनिर्भर और लाभप्रद बनाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के लिए कमाऊ पूत बनी ये फैक्टरी, हर साल दे रही 5 करोड़ का GST, जानें इनमें क्या है खास ?

Last Updated : Jul 31, 2024, 12:14 PM IST
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