ETV Bharat / state

यहां काला छाता चढ़ाते ही उतर जाती है साढ़ेसाती, 122 साल पुराना है बिहार में शनिदेव का ये मंदिर - Shani Dev - SHANI DEV

Shani Dev Muzaffarpur: बिहार के मुजफ्फरपुर में शनिदेव का प्रसिद्ध मंदिर भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. मान्यता है कि इस मंदिर में काला छाता चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती उतर जाती है. आप भी जानिए इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी रोचक बातें.

122 साल पुराना है शनिदेव का मंदिर
122 साल पुराना है शनिदेव का मंदिर (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 5, 2024, 6:07 AM IST

शनि मंदिर में चढ़ाया जाता है काला छाता (ETV BHARAT)

मुजफ्फरपुरः कहा जाता है कि जिसके ऊपर शनि की साढ़ेसाती रहती है वो परेशानियों से घिरा रहता है. अगर आप भी ऐसी किसी परेशानी से घिरे हैं तो चले आइये बिहार के मुजफ्फरपुर और शनिदेव के इस मंदिर में चढ़ाइये काला छाता. मान्यता है कि काला छाता चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और परेशानियों का अंत हो जाता है.

122 साल पुराना है शनिदेव का मंदिरः मुजफ्फरपुर के गुदरी रोड में बना शनिदेव का ये मंदिर 122 सालों से भी अधिक प्राचीन है. 1902 में निर्मित में ये मंदिर शनिदेव के भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. यही कारण है कि मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. विशेषकर शनिवार और अमावस्या के दिन तो मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है.

आस्था का केंद्र है शनिदेव का मंदिर
आस्था का केंद्र है शनिदेव का मंदिर (ETV BHARAT)

'शनिदोष से मिलती है मुक्ति': मंदिर के मुख्य पुजारी राजू कुमार शर्मा बताते हैं कि "यह मंदिर सुबह खुलता है और दोपहर 12 बजे बंद हो जाता है, फिर संध्या चार बजे खुलता है और रात 11 बजे बंद होता है." मुख्य पुजारी कहते हैं कि "किसी भी प्रकार का शनि दोष और शनि ग्रह की दशा से घिरे हुए लोगों के लिए यह मंदिर जीवनदायक है."

काला छाता चढ़ाने का विशेष महत्वः मुख्य पुजारी बताते हैं कि "मंदिर आनेवाले भक्त सामान्य तौर पर शनिदेव को काला तिल और तिल या सरसों का तेल चढ़ाते हैं. इसके अलावा लोहे की कील, लोहे की कड़ाही और लोहे के दूसरे बर्तन भी चढ़ाते हैं. मंदिर में काला छाता चढ़ाने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि काला छाता चढ़ानेवाले के सिर पर हमेशा छत बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि आती है."

शनिदेव की कृपा से आती है समृद्धि
शनिदेव की कृपा से आती है समृद्धि (ETV BHARAT)

शालग्राम पत्थर से बनी है मूर्ति: पुजारी राजू कुमार शर्मा की तीन पुश्तें इस मंदिर की सेवा कर रही हैं. उनके परदादा चुन्नी लाल शर्मा ने इस मंदिर की स्थापना की थी. तब ये मंदिर बहुत ही छोटा बना था, लेकिन अब मंदिर काफी भव्य बन गया है. शालग्राम पत्थर से बनी मूर्ति मंदिर में स्वयं शनिदेव के विराजमान होने का आभास कराती है.

कई भक्तों को मिला कष्टों से छुटकाराः शनिदेव के इस मंदिर से लोगों की बड़ी आस्था जुड़ी है, यही कारण है कि कई भक्त प्रत्येक शनिवार को मंदिर आते हैं और शनिदेव की पूजा-अर्चना करते हैं. प्रमोद कुमार भी ऐसे ही भक्तों में एक हैं. प्रमोद कुमार बताते हैं कि उन पर शनि की साढ़ेसाती थी, जो इस मंदिर में पूजा-पाठ करने से दूर हुई और जीवन में समृद्धि आई.

ये भी पढ़ेंःShani Trayodashi : शनि-राहु की पीड़ा से मुक्ति के लिए शनि त्रयोदशी के दिन करें खास पूजा-उपा

ये भी पढ़ेंःShani Dev Temple At Masaurhi: शनिदेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़, भव्य प्रतिमा बनी आकर्षण का केंद्र

शनि मंदिर में चढ़ाया जाता है काला छाता (ETV BHARAT)

मुजफ्फरपुरः कहा जाता है कि जिसके ऊपर शनि की साढ़ेसाती रहती है वो परेशानियों से घिरा रहता है. अगर आप भी ऐसी किसी परेशानी से घिरे हैं तो चले आइये बिहार के मुजफ्फरपुर और शनिदेव के इस मंदिर में चढ़ाइये काला छाता. मान्यता है कि काला छाता चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और परेशानियों का अंत हो जाता है.

122 साल पुराना है शनिदेव का मंदिरः मुजफ्फरपुर के गुदरी रोड में बना शनिदेव का ये मंदिर 122 सालों से भी अधिक प्राचीन है. 1902 में निर्मित में ये मंदिर शनिदेव के भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. यही कारण है कि मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. विशेषकर शनिवार और अमावस्या के दिन तो मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है.

आस्था का केंद्र है शनिदेव का मंदिर
आस्था का केंद्र है शनिदेव का मंदिर (ETV BHARAT)

'शनिदोष से मिलती है मुक्ति': मंदिर के मुख्य पुजारी राजू कुमार शर्मा बताते हैं कि "यह मंदिर सुबह खुलता है और दोपहर 12 बजे बंद हो जाता है, फिर संध्या चार बजे खुलता है और रात 11 बजे बंद होता है." मुख्य पुजारी कहते हैं कि "किसी भी प्रकार का शनि दोष और शनि ग्रह की दशा से घिरे हुए लोगों के लिए यह मंदिर जीवनदायक है."

काला छाता चढ़ाने का विशेष महत्वः मुख्य पुजारी बताते हैं कि "मंदिर आनेवाले भक्त सामान्य तौर पर शनिदेव को काला तिल और तिल या सरसों का तेल चढ़ाते हैं. इसके अलावा लोहे की कील, लोहे की कड़ाही और लोहे के दूसरे बर्तन भी चढ़ाते हैं. मंदिर में काला छाता चढ़ाने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि काला छाता चढ़ानेवाले के सिर पर हमेशा छत बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि आती है."

शनिदेव की कृपा से आती है समृद्धि
शनिदेव की कृपा से आती है समृद्धि (ETV BHARAT)

शालग्राम पत्थर से बनी है मूर्ति: पुजारी राजू कुमार शर्मा की तीन पुश्तें इस मंदिर की सेवा कर रही हैं. उनके परदादा चुन्नी लाल शर्मा ने इस मंदिर की स्थापना की थी. तब ये मंदिर बहुत ही छोटा बना था, लेकिन अब मंदिर काफी भव्य बन गया है. शालग्राम पत्थर से बनी मूर्ति मंदिर में स्वयं शनिदेव के विराजमान होने का आभास कराती है.

कई भक्तों को मिला कष्टों से छुटकाराः शनिदेव के इस मंदिर से लोगों की बड़ी आस्था जुड़ी है, यही कारण है कि कई भक्त प्रत्येक शनिवार को मंदिर आते हैं और शनिदेव की पूजा-अर्चना करते हैं. प्रमोद कुमार भी ऐसे ही भक्तों में एक हैं. प्रमोद कुमार बताते हैं कि उन पर शनि की साढ़ेसाती थी, जो इस मंदिर में पूजा-पाठ करने से दूर हुई और जीवन में समृद्धि आई.

ये भी पढ़ेंःShani Trayodashi : शनि-राहु की पीड़ा से मुक्ति के लिए शनि त्रयोदशी के दिन करें खास पूजा-उपा

ये भी पढ़ेंःShani Dev Temple At Masaurhi: शनिदेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़, भव्य प्रतिमा बनी आकर्षण का केंद्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.