मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में अधिवक्ता रामकुमार ठाकुर हत्याकांड में दोषी ब्रह्मानंद सहनी को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. दोषी पर 35 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी. मुजफ्फरपुर के एडीजे टू सत्य प्रकाश शुक्ला की आदलत ने 30 जनवरी को ब्रह्मानंद सहनी को दोषी ठहराया था. मामले के अन्य आरोपितों के खिलाफ एडीजे 10 के कोर्ट में अलग से ट्रायल चल रहा है.
क्या है मामलाः अभियोजन के अनुसार अधिवक्ता रामकुमार ठाकुर मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस करते थे. 23 मार्च 2013 को सिविल कोर्ट से लौट रहे थे. मनियारी थाना के पुरुषोत्तमपुर हाई स्कूल के समीप अपराधियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी. बताया जाता है कि घटना के समय वह भतीजा सुजीत कुमार के साथ साइकिल से घर जा रहे थे. करीब 11 साल बाद मामले में फैसला आने के बाद अधिवक्ता के परिजनों में संतोष का भाव था.
इनके खिलाफ प्राथमिकीः सुजीत कुमार ने घटना के बाबत मनियारी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें रतनौली निवासी तत्कालीन मुखिया राजकुमार सहनी, पुत्र परमानंद सहनी, ब्रह्मानंद सहनी, राजेश सहनी और उनके भतीजा सुकदेव सहनी को आरोपी बनाया था. तत्कालीन मुखिया राजकुमार सहनी की मौत हो चुकी है. मृतक के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जतायी. परिजनों ने उम्मीद जतायी कि मामले के अन्य आरोपितों को भी शीघ्र ही सजा मिलेगी.
मुखिया से चल रहा था विवादः मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि वकील का मुखिया से विवाद चल रहा था. अधिवक्ता ने निगरानी कोर्ट में केस दर्ज कराया था. परिजनों ने बताया कि अधिवक्ता ने आरटीआई के तहत आरोपित मुखिया के खिलाफ काफी सबूत जुटाए थे. इससे दोनों के बीच रंजिश बढ़ गई. इस कारण से आरोपितों ने अधिवक्ता की हत्या कर दी. दोषी ब्रह्मानंद सहनी 17 जनवरी 2016 से जेल में बंद है.
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