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बेसिक शिक्षकों का म्युचुअल ट्रांसफर इस बार अटक जाएगा! ये है वजह - mutual transfer of basic teachers

बेसिक शिक्षकों के म्युचुअल ट्रांसफर को लेकर फिर इस बार तलवार लटक सकती है. आखिर इसकी वजह क्या है, चलिए जानते हैं.

Mutual transfer of basic teachers
Mutual transfer of basic teachers (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 8:57 AM IST

लखनऊः प्रदेश में बीते दो सत्रों से अंतर्जनपदीय म्युचुअल ट्रांसफर के लिए इंतजार कर रहे बेसिक शिक्षकों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है. शिक्षक परेशान है कि कहीं इस बार भी गर्मियों की छुट्टियां बिना ट्रांसफर हुए ही बीत जाएगी. शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने चुनाव आचार संहिता हल्का हवाला देकर ट्रांसपोर्ट प्रक्रिया रोक रखी है इसी महीने 20 मई से गर्मी छुट्टियां होनी है. 4 जून के बाद फिर प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो पहले की तरफ फिर लंबा चलने के कारण प्रक्रिया फिर कभी न लटक जाए. प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के करीब डेढ़ लाख से अधिक विद्यालय संचालित है जिसमें करीब 5 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत है. विभाग की तरफ से हर साल गर्मी की छुट्टियों में उन्हें म्युचुअल ट्रांसफर के तहत अपने गृह जनपद जाने का मौका मिलता है.

बीते डेढ़ साल से लटकी हुई है शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया
बेसिक शिक्षा के अंतर्जनपदीय म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया फरवरी 2023 में शुरू हुई थी आवेदन प्रक्रिया स्क्रूटनी और मैरिट बनाने में ही महीना बीत गए. तब तक पिछले साल गर्मियों की छुट्टियां बीत गई. उस समय एक शासनदेश का हवाला दिया गया कि गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में ही तबादले हो सकते हैं. सर्दियों की छुट्टियों में तबादले का आश्वासन दिया गया. तबादले के लिए पुरुषों के लिए कम से कम 5 साल और महिलाओं के लिए 2 साल की नौकरी पूरी करने की अनिवार्यता बताया गया. ऐसे शिक्षक कोर्ट चले गए जिनकी जॉइनिंग के बाद में हुई थी, लेकिन प्रक्रिया लेट होने के कारण 5 और 2 साल का मानक पूरा कर रहे थे. कोर्ट के आदेश पर ऐसे शिक्षकों को भी ट्रांसफर प्रक्रिया में विकल्प देने का आदेश विभाग को जारी किया गया. इसी बीच सर्दी की छुट्टियां भी खत्म होने के कारण प्रक्रिया टल गई और फिर इस साल चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण प्रक्रिया फिर से विलंब होने का डर शिक्षकों को सता रहा है.



ट्रांसफर को लेकर शिक्षको और विभाग की अलग-अलग दलीलें
वही अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को लेकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट ने नए शिक्षक को शामिल करने के लिए कहा है. ऐसे में उनके लिए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करनी होगी. जो चुनाव आचार संहिता में नहीं की जा सकती. वहीं शिक्षकों का कहना है की प्रक्रिया पहले से चल रही है बाद में जिन शिक्षक को प्रक्रिया में शामिल किया गया है. उनसे भी आवेदन लिए जा चुके ऐसे में कोई नया निर्णय नहीं लिया जाना है. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक संगठन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि अभी नए शामिल शिक्षकों की मैरिट बनाने जैसी औपचारिकता ही पूरी करनी है. उनको पूरा कर लिया जाए और 4 जून के बाद सभी को तैनाती दी जा सकती है. चार जून के बाद फिर औपचारिकता है पूरी करेंगे तो पूरा जून बीत सकता है और तबादले फिर लटक सकते हैं.

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया अचार चुनाव संहिता पूरा होने के बाद ही शुरू हो पाएगा. कोर्ट ने इस संदर्भ में जो भी आदेश दिए हैं उन्हें वैधानिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पूरा कराया जाएगा.

लखनऊः प्रदेश में बीते दो सत्रों से अंतर्जनपदीय म्युचुअल ट्रांसफर के लिए इंतजार कर रहे बेसिक शिक्षकों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है. शिक्षक परेशान है कि कहीं इस बार भी गर्मियों की छुट्टियां बिना ट्रांसफर हुए ही बीत जाएगी. शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने चुनाव आचार संहिता हल्का हवाला देकर ट्रांसपोर्ट प्रक्रिया रोक रखी है इसी महीने 20 मई से गर्मी छुट्टियां होनी है. 4 जून के बाद फिर प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो पहले की तरफ फिर लंबा चलने के कारण प्रक्रिया फिर कभी न लटक जाए. प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के करीब डेढ़ लाख से अधिक विद्यालय संचालित है जिसमें करीब 5 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत है. विभाग की तरफ से हर साल गर्मी की छुट्टियों में उन्हें म्युचुअल ट्रांसफर के तहत अपने गृह जनपद जाने का मौका मिलता है.

बीते डेढ़ साल से लटकी हुई है शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया
बेसिक शिक्षा के अंतर्जनपदीय म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया फरवरी 2023 में शुरू हुई थी आवेदन प्रक्रिया स्क्रूटनी और मैरिट बनाने में ही महीना बीत गए. तब तक पिछले साल गर्मियों की छुट्टियां बीत गई. उस समय एक शासनदेश का हवाला दिया गया कि गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में ही तबादले हो सकते हैं. सर्दियों की छुट्टियों में तबादले का आश्वासन दिया गया. तबादले के लिए पुरुषों के लिए कम से कम 5 साल और महिलाओं के लिए 2 साल की नौकरी पूरी करने की अनिवार्यता बताया गया. ऐसे शिक्षक कोर्ट चले गए जिनकी जॉइनिंग के बाद में हुई थी, लेकिन प्रक्रिया लेट होने के कारण 5 और 2 साल का मानक पूरा कर रहे थे. कोर्ट के आदेश पर ऐसे शिक्षकों को भी ट्रांसफर प्रक्रिया में विकल्प देने का आदेश विभाग को जारी किया गया. इसी बीच सर्दी की छुट्टियां भी खत्म होने के कारण प्रक्रिया टल गई और फिर इस साल चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण प्रक्रिया फिर से विलंब होने का डर शिक्षकों को सता रहा है.



ट्रांसफर को लेकर शिक्षको और विभाग की अलग-अलग दलीलें
वही अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को लेकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट ने नए शिक्षक को शामिल करने के लिए कहा है. ऐसे में उनके लिए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करनी होगी. जो चुनाव आचार संहिता में नहीं की जा सकती. वहीं शिक्षकों का कहना है की प्रक्रिया पहले से चल रही है बाद में जिन शिक्षक को प्रक्रिया में शामिल किया गया है. उनसे भी आवेदन लिए जा चुके ऐसे में कोई नया निर्णय नहीं लिया जाना है. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक संगठन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि अभी नए शामिल शिक्षकों की मैरिट बनाने जैसी औपचारिकता ही पूरी करनी है. उनको पूरा कर लिया जाए और 4 जून के बाद सभी को तैनाती दी जा सकती है. चार जून के बाद फिर औपचारिकता है पूरी करेंगे तो पूरा जून बीत सकता है और तबादले फिर लटक सकते हैं.

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया अचार चुनाव संहिता पूरा होने के बाद ही शुरू हो पाएगा. कोर्ट ने इस संदर्भ में जो भी आदेश दिए हैं उन्हें वैधानिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पूरा कराया जाएगा.




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