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बरेली में तालाब की जमीन पर बना दी मस्जिद; मुस्लिम समुदाय ने खुद ढहाया अवैध निर्माण - MOSQUE ILLEGAL CONSTRUCTION CASE

मुस्लिम समाज ने SDM से मिलकर खुद अवैध निर्माण तोड़ने का रखा प्रस्ताव, पिछले हिस्से का निर्माण तालाब की जमीन पर किया गया है.

मुस्लिम समाज ने खुद ढहाया अवैध निर्माण.
मुस्लिम समाज ने खुद ढहाया अवैध निर्माण. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 7:36 AM IST

बरेली : तालाब की जमीन पर बने मस्जिद के हिस्से को खुद ही मुस्लिम समाज के लोगों ने ढहा दिया. मामला जिले के मीरगंज क्षेत्र के गांव तिलमास का है. अवैध निर्माण को लेकर चल रहे विवाद का निपटारा समुदाय के लोगों ने खुद ही कर दिया. पुलिस की मौजूदगी में कुछ हिस्से को गिरा दिया गया है, आज भी इसे हटाने का काम होगा.

मीरगंज क्षेत्र के गांव तिलमास में एक मस्जिद है. इसके पीछे का हिस्सा तालाब की जमीन पर बना हुआ है. रविवार को हिन्दू संगठन से जुड़े युवक ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट के जरिए इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. इसके बाद तहसील प्रशासन हरकत में आ गया.

रविवार को ही एसडीएम तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा, सीओ अंजनी कुमार तिवारी और एसएचओ सिद्धार्थ सिंह तोमर ने राजस्व टीम के साथ मौके की जांच की थी. इसमें पाया गया कि मस्जिद के पीछे तालाब की जमीन पर पिलर खड़े कर उस पर लिंटर डाला गया है. यह नियमों के खिलाफ है.

इसके बाद सोमवार को गांव के निवासी निसार समेत मुस्लिम समुदाय के अन्य लोग तहसील पहुंचे. एसडीएम से बातचीत की. उन्होंने खुद ही मस्जिद के तालाब में बने अतिरिक्त ढांचे को ढहाने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में शाम को मस्जिद के तालाब की जमीन पर बने हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया.

हालांकि अंधेरा हो जाने के कारण पूरा हिस्सा नहीं टूट पाया. ऐसे में मंगलवार यानि कि आज भी इसे ढहाने का काम होगा. निसार ने बताया कि यह मस्जिद गांव के जमींदारों द्वारा बनाई गई थी. नमाजी तालाब के पानी का उपयोग वजू के लिए करते थे. तालाब के पानी से दीवार जर्जर हो गई थी. इसकी वजह से कुछ पिलर खड़े कर लिंटर डाला गया था. निर्माण अवैध होने से वे खुद इसे हटा रहे हैं.

एसडीएम तृप्ति गुप्ता ने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने स्वेच्छा से विवादित निर्माण को हटाने प्रस्ताव रखा था. इससे मामले का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकलने की उम्मीद है. वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार गांव की कुल आबादी करीब 8 हजार है. इनमें 2500 वोटर हैं. मुस्लिम आबादी करीब 33 प्रतिशत है.

यह भी पढ़ें : फर्रुखाबाद में 1000 साल पुराने शिव मंदिर से हटा अवैध कब्जा; भूसे-उपलों में दबे मिले नंदी और महादेव

बरेली : तालाब की जमीन पर बने मस्जिद के हिस्से को खुद ही मुस्लिम समाज के लोगों ने ढहा दिया. मामला जिले के मीरगंज क्षेत्र के गांव तिलमास का है. अवैध निर्माण को लेकर चल रहे विवाद का निपटारा समुदाय के लोगों ने खुद ही कर दिया. पुलिस की मौजूदगी में कुछ हिस्से को गिरा दिया गया है, आज भी इसे हटाने का काम होगा.

मीरगंज क्षेत्र के गांव तिलमास में एक मस्जिद है. इसके पीछे का हिस्सा तालाब की जमीन पर बना हुआ है. रविवार को हिन्दू संगठन से जुड़े युवक ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट के जरिए इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. इसके बाद तहसील प्रशासन हरकत में आ गया.

रविवार को ही एसडीएम तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा, सीओ अंजनी कुमार तिवारी और एसएचओ सिद्धार्थ सिंह तोमर ने राजस्व टीम के साथ मौके की जांच की थी. इसमें पाया गया कि मस्जिद के पीछे तालाब की जमीन पर पिलर खड़े कर उस पर लिंटर डाला गया है. यह नियमों के खिलाफ है.

इसके बाद सोमवार को गांव के निवासी निसार समेत मुस्लिम समुदाय के अन्य लोग तहसील पहुंचे. एसडीएम से बातचीत की. उन्होंने खुद ही मस्जिद के तालाब में बने अतिरिक्त ढांचे को ढहाने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में शाम को मस्जिद के तालाब की जमीन पर बने हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया.

हालांकि अंधेरा हो जाने के कारण पूरा हिस्सा नहीं टूट पाया. ऐसे में मंगलवार यानि कि आज भी इसे ढहाने का काम होगा. निसार ने बताया कि यह मस्जिद गांव के जमींदारों द्वारा बनाई गई थी. नमाजी तालाब के पानी का उपयोग वजू के लिए करते थे. तालाब के पानी से दीवार जर्जर हो गई थी. इसकी वजह से कुछ पिलर खड़े कर लिंटर डाला गया था. निर्माण अवैध होने से वे खुद इसे हटा रहे हैं.

एसडीएम तृप्ति गुप्ता ने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने स्वेच्छा से विवादित निर्माण को हटाने प्रस्ताव रखा था. इससे मामले का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकलने की उम्मीद है. वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार गांव की कुल आबादी करीब 8 हजार है. इनमें 2500 वोटर हैं. मुस्लिम आबादी करीब 33 प्रतिशत है.

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