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संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की उठी मांग, समता पार्टी की मुन्नी हांसदा ने कहा- यह मेरा मुख्य मुद्दा - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Demand to make Santhal a UT. संथाल परगना प्रमंडल में जल, जंगल जैसे कई आंदोलन में भाग लेने वाली समता पार्टी प्रत्याशी मुन्नी हांसदा ने संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर मैं सांसद बनकर दिल्ली गई तो मेरा यह मुख्य मुद्दा रहेगा.

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समता पार्टी प्रत्याशी मुन्नी हांसदा की प्रेस वार्ता (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 26, 2024, 5:58 PM IST

दुमका: संथाल परगना प्रमंडल में जल, जंगल, जमीन, विस्थापन, पलायन जैसे मुद्दे पर कई आंदोलन में भाग लेने वाली मुन्नी हांसदा इस लोकसभा चुनाव में दुमका क्षेत्र के लिए समता पार्टी की प्रत्याशी है. उन्होंने संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की नई मांग छेड़ दी है. दुमका में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर उन्होंने कहा कि आज यहां की जनता झारखंड मुक्ति मोर्चा के रवैये से तंग आ चुकी है. भाजपा भी लोगों के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं. ऐसे में मुझे एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है और यहां की सांसद बनाकर मैं क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करुंगी.

मुन्नी हांसदा का बयान (ETV BHARAT)

संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग

दुमका में मुन्नी हांसदा एक ऐसा नाम है जिन्होंने आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण, उनके विस्थापन को लेकर कई आंदोलन खड़े किए हैं. उन्होंने साल 2008 में दुमका के काठीकुंड में आरपीजी ग्रुप के पावर प्लांट को जमीन नहीं देने के मुद्दे पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया था, जिसमें गोलियां चली थी और दो लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही कई लोग घायल भी हो गए थे. उस वक्त यह आन्दोलन देश स्तर पर चर्चित हुआ था और अरविंद केजरीवाल और मेघा पाटेकर जैसे लोग इसके समर्थन में दुमका पहुंचे थे.

यही मुन्नी हांसदा इस बार दुमका लोकसभा चुनाव में समता पार्टी की उम्मीदवार बनी हैं. आज उन्होंने संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की नई मांग रख दी. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सभी मामलों में पिछड़ा हुआ है. ऐसे में यह आवश्यक है कि इसके विकास के लिए एक बड़ा प्रयास किया जाए. अगर यह केंद्र शासित प्रदेश बन जाता है तो इसपर विशेष फोकस होगा और विकास के लिए यहां अलग से बड़ा फंड आएगा, जिससे इस क्षेत्र की गरीब जनता का सर्वांगीण विकास होगा. उन्होंने कहा कि अगर मैं सांसद बनकर दिल्ली जाती हूं तो यह मेरा मुख्य मुद्दा होगा.

झामुमो और भाजपा के बीच मैं विकल्प

मुन्नी हांसदा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चाहे वह हेमंत सोरेन हो या बसंत सोरेन, इस क्षेत्र की खनिज संपदा को सिर्फ लूटने का काम किया है. यहां के पत्थर, बालू, कोयला को दूसरे प्रदेशों के लोगों को सौंपा है. आज यहां की जनता गरीब है, उन्हें कहीं भी भागीदारी नहीं मिल रही है लेकिन इन लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है. यही स्थिति भाजपा की भी है, लोगों को उनसे जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हो पाई. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा के स्थान पर लोग मुझे एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है कि इस लोकसभा चुनाव में मुझे जनता का आशीर्वाद मिलेगा. युवाओं के लिए रोजगार, किसानों के लिए सिंचाई और अन्य सुविधा, महिलाओं के लिए सुरक्षा के साथ रोजगार, कामकाज मेरी प्राथमिकताएं होंगी. अगर जनता मुझे चुनती है तो इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करूंगी.

ये भी पढ़ें: संथाल परगना के निवर्तमान सांसदों का दुख, अपनों ने खड़ी की परेशानी, कोई तो बताए इस दर्द की दवा

ये भी पढ़ें: झारखंड को लव जेहाद और लैंड जेहाद से बचाने के लिए बीजेपी को करें वोट, जामताड़ा में अमर बाउरी ने चुनावी जनसभा में विपक्षियों पर साधा निशाना

दुमका: संथाल परगना प्रमंडल में जल, जंगल, जमीन, विस्थापन, पलायन जैसे मुद्दे पर कई आंदोलन में भाग लेने वाली मुन्नी हांसदा इस लोकसभा चुनाव में दुमका क्षेत्र के लिए समता पार्टी की प्रत्याशी है. उन्होंने संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की नई मांग छेड़ दी है. दुमका में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर उन्होंने कहा कि आज यहां की जनता झारखंड मुक्ति मोर्चा के रवैये से तंग आ चुकी है. भाजपा भी लोगों के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं. ऐसे में मुझे एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है और यहां की सांसद बनाकर मैं क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करुंगी.

मुन्नी हांसदा का बयान (ETV BHARAT)

संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग

दुमका में मुन्नी हांसदा एक ऐसा नाम है जिन्होंने आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण, उनके विस्थापन को लेकर कई आंदोलन खड़े किए हैं. उन्होंने साल 2008 में दुमका के काठीकुंड में आरपीजी ग्रुप के पावर प्लांट को जमीन नहीं देने के मुद्दे पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया था, जिसमें गोलियां चली थी और दो लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही कई लोग घायल भी हो गए थे. उस वक्त यह आन्दोलन देश स्तर पर चर्चित हुआ था और अरविंद केजरीवाल और मेघा पाटेकर जैसे लोग इसके समर्थन में दुमका पहुंचे थे.

यही मुन्नी हांसदा इस बार दुमका लोकसभा चुनाव में समता पार्टी की उम्मीदवार बनी हैं. आज उन्होंने संथाल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की नई मांग रख दी. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सभी मामलों में पिछड़ा हुआ है. ऐसे में यह आवश्यक है कि इसके विकास के लिए एक बड़ा प्रयास किया जाए. अगर यह केंद्र शासित प्रदेश बन जाता है तो इसपर विशेष फोकस होगा और विकास के लिए यहां अलग से बड़ा फंड आएगा, जिससे इस क्षेत्र की गरीब जनता का सर्वांगीण विकास होगा. उन्होंने कहा कि अगर मैं सांसद बनकर दिल्ली जाती हूं तो यह मेरा मुख्य मुद्दा होगा.

झामुमो और भाजपा के बीच मैं विकल्प

मुन्नी हांसदा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चाहे वह हेमंत सोरेन हो या बसंत सोरेन, इस क्षेत्र की खनिज संपदा को सिर्फ लूटने का काम किया है. यहां के पत्थर, बालू, कोयला को दूसरे प्रदेशों के लोगों को सौंपा है. आज यहां की जनता गरीब है, उन्हें कहीं भी भागीदारी नहीं मिल रही है लेकिन इन लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है. यही स्थिति भाजपा की भी है, लोगों को उनसे जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हो पाई. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा के स्थान पर लोग मुझे एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है कि इस लोकसभा चुनाव में मुझे जनता का आशीर्वाद मिलेगा. युवाओं के लिए रोजगार, किसानों के लिए सिंचाई और अन्य सुविधा, महिलाओं के लिए सुरक्षा के साथ रोजगार, कामकाज मेरी प्राथमिकताएं होंगी. अगर जनता मुझे चुनती है तो इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करूंगी.

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