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क्या लालू का सियासी 'चक्रव्यूह' भेद पाएंगे नीतीश के ललन, जानिये बिहार की हॉट सीट मुंगेर का पूरा समीकरण - MUNGER LOK SABHA SEAT

MUNGER LOK SABHA SEAT: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में मुंगेर सीट पर जेडीयू के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है. इस सीट पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके मौजूदा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह चुनावी मैदान में है. जबकि उन्हें चुनौती दे रही हैं आरजेडी की अनिता देवी जो गैंगस्टर अशोक महतो की पत्नी हैं, तो क्या कहता है मुंगेर का सियासी समीकरण आप भी जानिये.

मुंगेर लोकसभा सीट
मुंगेर लोकसभा सीट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 12, 2024, 8:42 AM IST

मुंगेरः लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को बिहार की जिन पांच लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें मुंगेर भी शामिल है, जहां प्रचार का शोर शनिवार को थम गया और अब इस सीट पर जीत की उम्मीद लिए प्रत्याशी डोर टू डोर संपर्क में जुट गये हैं. इसके साथ ही जीत के समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं मुंगेर लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा सियासी समीकरण.

मुंगेर सीट का इतिहासः बिहार की हॉट सीटों में शुमार मुंगेर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है. 1952 के पहले आम चुनाव में मुंगेर से 4 सांसद चुनकर गये थे. दरअसल बड़ा इलाका होने के कारण तब मुंगेर को चार लोकसभा क्षेत्रों में बांटा गया था- मुंगेर नॉर्थ वेस्ट, मुंगेर साउथ-ईस्ट, मुंगेर सदर सह जमुई ( एससी) मुंगेर सदर सह जमुई ( सामान्य).

1952 में मुंगेर से चार सांसद चुने गयेः इस तरह पहले आम चुनाव में मुंगेर से 4 सांसद चुने गये. नॉर्थ वेस्ट से सुरेशचंद्र मिश्र, मुंगेर साउथ-ईस्ट से मथुरा प्रसाद, मुंगेर सदर सह जमुई (एससी) से नयनतारा दास और मुंगेर सदर सह जमुई ( सामान्य) से बनारसी प्रसाद सिंह.

पिछले तीन चुनावों से NDA का दबदबाः 1957 में दो लोकसभा क्षेत्र और 1962 से ये सीट एक लोकसभा क्षेत्र पर परिवर्तित हो गयी. पिछले तीन चुनावों की बात करें तो इस सीट पर NDA का कब्जा रहा है. जिनमें दो बार तो जेडीयू के ललन सिंह ने जीत दर्ज की तो 2014 में एलजेपी की वीणा देवी ने जीत का परचम लहराया.

NDA Vs INDI गठबंधन में मुकाबला: 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा सीट पर भी NDA औरINDI गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. NDA ने एक बार फिर मौजूदा सांसद और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने गैंगस्टर रहे अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी को मैदान में उतारकर ललन सिंह के सामने कड़ी चुनौती पेश की है.

NDA का मजबूत गढ़ बन चुका है मुंगेरः पिछले लोकसभा चुनावों पर नजर डाले तो मुंगेर NDA का गढ़ बनता जा रहा है, क्योंकि 1999 से हुए पांच चुनावों में 2004 को छोड़कर 4 बार यहां NDA ने ही विजयी पताका फहराई है. 2009 और 2019 में इस सीटच से जीत दर्ज करनेवाले जेडीयू के मौजूदा सांसद ललन सिंह इस सीट से तीसरी बार जीतनेवालों में अपना नाम दर्ज कराने की हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं.

सियासी सफरनामा
सियासी सफरनामा (ETV BHARAT)

मुंगेर लोकसभा सीटःः 2009 से अब तकः इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के ललन सिंह ने आरजेडी के रामबदन राय को हराया और पहली बार मुंगेर लोकसभा सीट के सांसद बने. 2014 में जेडीयू ने NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा और इस बार ललन सिंह को NDA प्रत्याशी के तौर पर उतरीं एलजेपी की वीणा देवी ने हरा दिया. 2019 में जेडीयू ने फिर NDA के बैनर तले चुनाव लड़ा और जेडीयू प्रत्याशी ललन सिंह ने कांग्रेस की नीलम देवी को हराकर इस सीट से दूसरी बार सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया.

मुंगेरः बंगाल के आखिरी नवाब मीरकासिम की राजधानी रहे मुंगेर का वर्णन महाभारत में भी मिलता है. मुंगेर में मां गंगा का कष्टहारिणी घाट अत्यंत ही पवित्र माना जाता है. घाट के पास ही माता सीताचरण का मंदिर बना है. योग आश्रम के नाम से मशहूर यहां का योग विश्वविद्यालय अपनी खास पहचान रखता है.

तीन जिलों में फैला है मुंगेर लोकसभा क्षेत्रः मुंगेर लोकसभा सीट तीन जिलों में फैला है और इस सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट हैं.इनमें मुंगेर जिले की मुंगेर विधानसभा और जमालपुर विधानसभा सीट,लखीसराय जिले की सूर्यगढ़ा और लखीसराय विधानसभा सीट के साथ-साथ पटना जिले की मोकामा और बाढ़ विधानसभा सीट हैं.

कुल मतदाता
कुल मतदाता (ETV BHARAT)

मुंगेर में जातिगत समीकरणः मुंगेर में मतदाताओं की कुल संख्या 20 लाख 27 हजार 616 है, जिसमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 75 हजार 640 है,वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 51 हजार 924 है. इसके अलावा ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 52 है. जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा मतदाता कुर्मी और धानुक जाति के हैं. उसके बाद यादव और फिर भूमिहार मतदाता हैं. प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा 37 फीसदी मतदाता ईबीसी के हैं, वहीं ओबीसी 20 फीसदी, सामान्य 20 फीसदी, मुस्लिम 8 फीसदी और एससी के 15 फीसदी वोटर्स हैं.

लालू के चक्रव्यूह में जेडीयू के ललनः मुंगेर में चौथे चरण के तहत 13 मई को वोट डाले जाएंगे और इस बार यहां कांटे की टक्कर मानी जा रही है. लालू प्रसाद ने यहां से ललन सिंह को मात देने के लिए खास रणनीति के तहत 17 साल की सजा काट चुके गैंगस्टर अशोक महतो की पहले शादी करवाई और फिर उनकी पत्नी अनिता महतो को आरजेडी का कैंडिडेट बनाया. वहीं ललन सिंह की मदद के लिए बाहुबली अनंत सिंह ने खासा जोर लगाया है.पिछले चुनाव में ललन सिंह के हाथों हारनेवाली नीलम देवी के पति बाहुबली अनंत सिंह 15 दिनों की पैरोल पर जेल से छूटकर आए हैं और ललन सिंह के पक्ष में मतदाताओं को गोलबंद कर रहे हैं.

प्रतिष्ठा की लड़ाईः जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को सीएम नीतीश का खासमखास माना जाता है. इसलिए मुंगेर सीट पर ललन सिंह के साथ-साथ खुद सीएम नीतीश की भी प्रतिष्ठा जुड़ी है. पीएम मोदी भी चुनावी सभा के जरिये लोगों से ललन सिंह को वोट देने की अपील कर चुके हैं तो महागठबंधन के स्टार प्रचारक तेजस्वी यादव भी मुंगेर में कई चुनावी सभाएं कीं. खुद अशोक महतो का भी इस इलाके में अच्छा प्रभाव माना जा रहा है.

ये भी पढ़ेंःअनंत सिंह का बाहर आना महज एक संयोग या फिर है पूरी प्लानिंग, सवाल- क्या लालू के चक्रव्यूह पर पड़ेगा भारी? - ANANT SINGH

ये भी पढ़ेंःबाहुबली अशोक महतो से मुकाबले के लिए 'छोटे सरकार' मैदान में, अनंत सिंह की रिहाई से मुंगेर में बदलेगा समीकरण! - Anant Singh Vs Ashok Mahato

मुंगेरः लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को बिहार की जिन पांच लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें मुंगेर भी शामिल है, जहां प्रचार का शोर शनिवार को थम गया और अब इस सीट पर जीत की उम्मीद लिए प्रत्याशी डोर टू डोर संपर्क में जुट गये हैं. इसके साथ ही जीत के समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं मुंगेर लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा सियासी समीकरण.

मुंगेर सीट का इतिहासः बिहार की हॉट सीटों में शुमार मुंगेर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है. 1952 के पहले आम चुनाव में मुंगेर से 4 सांसद चुनकर गये थे. दरअसल बड़ा इलाका होने के कारण तब मुंगेर को चार लोकसभा क्षेत्रों में बांटा गया था- मुंगेर नॉर्थ वेस्ट, मुंगेर साउथ-ईस्ट, मुंगेर सदर सह जमुई ( एससी) मुंगेर सदर सह जमुई ( सामान्य).

1952 में मुंगेर से चार सांसद चुने गयेः इस तरह पहले आम चुनाव में मुंगेर से 4 सांसद चुने गये. नॉर्थ वेस्ट से सुरेशचंद्र मिश्र, मुंगेर साउथ-ईस्ट से मथुरा प्रसाद, मुंगेर सदर सह जमुई (एससी) से नयनतारा दास और मुंगेर सदर सह जमुई ( सामान्य) से बनारसी प्रसाद सिंह.

पिछले तीन चुनावों से NDA का दबदबाः 1957 में दो लोकसभा क्षेत्र और 1962 से ये सीट एक लोकसभा क्षेत्र पर परिवर्तित हो गयी. पिछले तीन चुनावों की बात करें तो इस सीट पर NDA का कब्जा रहा है. जिनमें दो बार तो जेडीयू के ललन सिंह ने जीत दर्ज की तो 2014 में एलजेपी की वीणा देवी ने जीत का परचम लहराया.

NDA Vs INDI गठबंधन में मुकाबला: 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा सीट पर भी NDA औरINDI गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. NDA ने एक बार फिर मौजूदा सांसद और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने गैंगस्टर रहे अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी को मैदान में उतारकर ललन सिंह के सामने कड़ी चुनौती पेश की है.

NDA का मजबूत गढ़ बन चुका है मुंगेरः पिछले लोकसभा चुनावों पर नजर डाले तो मुंगेर NDA का गढ़ बनता जा रहा है, क्योंकि 1999 से हुए पांच चुनावों में 2004 को छोड़कर 4 बार यहां NDA ने ही विजयी पताका फहराई है. 2009 और 2019 में इस सीटच से जीत दर्ज करनेवाले जेडीयू के मौजूदा सांसद ललन सिंह इस सीट से तीसरी बार जीतनेवालों में अपना नाम दर्ज कराने की हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं.

सियासी सफरनामा
सियासी सफरनामा (ETV BHARAT)

मुंगेर लोकसभा सीटःः 2009 से अब तकः इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के ललन सिंह ने आरजेडी के रामबदन राय को हराया और पहली बार मुंगेर लोकसभा सीट के सांसद बने. 2014 में जेडीयू ने NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा और इस बार ललन सिंह को NDA प्रत्याशी के तौर पर उतरीं एलजेपी की वीणा देवी ने हरा दिया. 2019 में जेडीयू ने फिर NDA के बैनर तले चुनाव लड़ा और जेडीयू प्रत्याशी ललन सिंह ने कांग्रेस की नीलम देवी को हराकर इस सीट से दूसरी बार सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया.

मुंगेरः बंगाल के आखिरी नवाब मीरकासिम की राजधानी रहे मुंगेर का वर्णन महाभारत में भी मिलता है. मुंगेर में मां गंगा का कष्टहारिणी घाट अत्यंत ही पवित्र माना जाता है. घाट के पास ही माता सीताचरण का मंदिर बना है. योग आश्रम के नाम से मशहूर यहां का योग विश्वविद्यालय अपनी खास पहचान रखता है.

तीन जिलों में फैला है मुंगेर लोकसभा क्षेत्रः मुंगेर लोकसभा सीट तीन जिलों में फैला है और इस सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट हैं.इनमें मुंगेर जिले की मुंगेर विधानसभा और जमालपुर विधानसभा सीट,लखीसराय जिले की सूर्यगढ़ा और लखीसराय विधानसभा सीट के साथ-साथ पटना जिले की मोकामा और बाढ़ विधानसभा सीट हैं.

कुल मतदाता
कुल मतदाता (ETV BHARAT)

मुंगेर में जातिगत समीकरणः मुंगेर में मतदाताओं की कुल संख्या 20 लाख 27 हजार 616 है, जिसमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 75 हजार 640 है,वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 51 हजार 924 है. इसके अलावा ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 52 है. जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा मतदाता कुर्मी और धानुक जाति के हैं. उसके बाद यादव और फिर भूमिहार मतदाता हैं. प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा 37 फीसदी मतदाता ईबीसी के हैं, वहीं ओबीसी 20 फीसदी, सामान्य 20 फीसदी, मुस्लिम 8 फीसदी और एससी के 15 फीसदी वोटर्स हैं.

लालू के चक्रव्यूह में जेडीयू के ललनः मुंगेर में चौथे चरण के तहत 13 मई को वोट डाले जाएंगे और इस बार यहां कांटे की टक्कर मानी जा रही है. लालू प्रसाद ने यहां से ललन सिंह को मात देने के लिए खास रणनीति के तहत 17 साल की सजा काट चुके गैंगस्टर अशोक महतो की पहले शादी करवाई और फिर उनकी पत्नी अनिता महतो को आरजेडी का कैंडिडेट बनाया. वहीं ललन सिंह की मदद के लिए बाहुबली अनंत सिंह ने खासा जोर लगाया है.पिछले चुनाव में ललन सिंह के हाथों हारनेवाली नीलम देवी के पति बाहुबली अनंत सिंह 15 दिनों की पैरोल पर जेल से छूटकर आए हैं और ललन सिंह के पक्ष में मतदाताओं को गोलबंद कर रहे हैं.

प्रतिष्ठा की लड़ाईः जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को सीएम नीतीश का खासमखास माना जाता है. इसलिए मुंगेर सीट पर ललन सिंह के साथ-साथ खुद सीएम नीतीश की भी प्रतिष्ठा जुड़ी है. पीएम मोदी भी चुनावी सभा के जरिये लोगों से ललन सिंह को वोट देने की अपील कर चुके हैं तो महागठबंधन के स्टार प्रचारक तेजस्वी यादव भी मुंगेर में कई चुनावी सभाएं कीं. खुद अशोक महतो का भी इस इलाके में अच्छा प्रभाव माना जा रहा है.

ये भी पढ़ेंःअनंत सिंह का बाहर आना महज एक संयोग या फिर है पूरी प्लानिंग, सवाल- क्या लालू के चक्रव्यूह पर पड़ेगा भारी? - ANANT SINGH

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