अशोकनगर। पिपरई नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 9 में आने वाले थिकली गांव में मुक्तिधाम नहीं है. गुरुवार को ग्रामीणों ने 5 घंटे तक शव को बारिश से बचाने तिरपाल से ढंककर रखा. देर शाम तक अंतिम संस्कार हो सका. बता दें कि मध्य प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं जहां मुक्तिधाम के अभाव में कभी खुले खेत में तो कभी सड़क पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. जब मामला गरमाता है तो प्रशासन हड़बड़ा कर जल्द मुक्तिधाम बनवाने के दावे करता है.
किसी अधिकारी ने नहीं सुनी गुहार
थिकली के ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार सुबह 10 बजे दशरथ सिंह यादव का निधन हो गया. 1 घंटे बाद ही उन्हें मुक्तिधाम ले जाने की तैयारी की गई. लेकिन लगातार बारिश होने के कारण शव को घर के बाहर तिरपाल में रखा गया. इसके बाद अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई गई लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. बाद में नगर परिषद द्वारा ट्रैक्टर भेजकर टीनशेड भेजा गया. जिसके बाद 4 किलोमीटर दूर ग्रामीणों ने सड़क किनारे अस्थाई मुक्तिधाम बनाकर अंतिम संस्कार किया.
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मुक्तिधाम के लिए कई बार दिए आवेदन
मृतक के भतीजे गोपाल सिंह यादव ने बताया "गांव में मुक्तिधाम के लिए 3 बीघा जमीन स्वीकृत की गई थी. जिस पर दबंगों ने कब्जा कर सोयाबीन की फसल उगाई है. जिस ग्रामीणों को अपने खेत या जिसके पास खेत नहीं है उन्हें सड़क पर मजबूरी में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. इस समस्या को लेकर कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी दे चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कोई समाधान हीं हो सका है." इस संबंध में पिपरई तहसीलदार साहिर खान का कहना है "शीघ्र ही गांव में मुक्तिधाम से दबंगों का कब्जा हटवाया जाएगा."