गया: बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में आरजेडी ने अपने प्रत्याशी के पक्ष में सारी ताकत झोंक दी है. बेलागंज से आरजेडी ने पूर्व विधायक सह जहानाबाद लोकसभा के वर्तमान सांसद डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव के बेटे डॉ. विश्वनाथ सिंह को प्रत्याशी बनाया है. एमवाई समीकरण को धार देने के साथ पिछड़े अति पिछड़े वर्ग को गोलबंद करने का प्रयास किया गया, जिसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 8 नवंबर को चुनावी सभा की.
लालू यादव की विचारधारा को बढ़ाना है आगे: इस सभा में वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बिहार सरकार मुकेश सहनी भी शामिल हुए. मुकेश सहनी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की देश में नफरत की राजनीति हो रही है. सिर्फ 8 महीने के लिए यह उपचुनाव है, वो सामाजिक न्याय मानने वाले लोग हैं, सभी जाति-धर्मों को मानने वाले हैं. वहीं लालू यादव की विचारधारा को आगे बढ़ाना है.
भाजपा पर लगाया बांटने का आरोप: मुकेश सहनी ने कहा कि "देश में नफरत की राजनीति हो रही है, बंटोगे तो कटोगे की लोग बात कर रहे हैं. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कहते हैं बटोगे तो कटोगे लेकिन हमें दलित, वैश्य, ब्राह्मण बनाया किसने हैं. लोग पानी पीने के लिए हजारों बार सोचते थे. इसी से तय होगा कि अगली सरकार किसकी बनेगी. फिलहाल टेस्ट मैच को जीतने की जरूरत है, उसके बाद फाइनल भी जीतेंगे."
"उपचुनाव 2025 का टेस्ट है, 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है, आरजेडी के प्रत्याशी डॉ. विश्वनाथ सिंह को बेलागंज से जितवाना है. सभी गोलबंद हो जाएं और नफरत की राजनीति करने वालों को जवाब दें."- मुकेश सहनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, वीआईपी पार्टी
'लालू राज में बीजेपी ने कराया दंगा': सभा में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी ने लालू राज में दंगा फसाद का माहौल बनाया था. उस वक्त भी लालू ने कहा था कि यह होने नहीं देंगे, आज भी आरजेडी के लोग खड़े हैं. लालू यादव ने यादव समाज से कहा था कि यादव की लाठी अल्पसंख्यक की मदद के लिए उठनी चाहिए.
"लालू यादव ने कहा था कि यादव की लाठी अल्पसंख्यक की मदद के लिए उठनी चाहिए. देश में माहौल उसी तरह का है, विपक्ष के सभी मंत्री सुभानल्लाह हैं, उन्होंने घृणा और द्वेष का माहौल बनाया है. नफरती ताकतों का हौसला पस्त हुआ है फिर से यह ताकत वापस नहीं आए, इसलिए आरजेडी को मतदान करें."-अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व मंत्री, बिहार सरकार
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