छतरपुर: बुंदेलखंड के छतरपुर में लगातार मौसम करवटें बदल रहा है. इस बार मौसम ने डबल अटैक कर लोगों को परेशानी में डाल दिया है. एक तो कोहरे से विजिबिलिटी कम हो रही है, तो वही सर्द हवाएं भी लोगों पर सितम ढाने से बाज नहीं आ रही है. मौसम विभाग भी चेतावनी दे रहा है कि अगले दो दिनों तक ठंड का कहर ओर बढे़गा. घरों से तभी निकलें, जब ज्यादा जरूरी हो. वहीं बुजुर्गों और बच्चों के लिए ये भीषण ठंड जानलेवा भी साबित हो रही है. हॉस्पिटलों में मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ने लगी है.
मध्य प्रदेश में इन दिनों पड़ रही हाड़ कंपानी वाली ठंड ने लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है. वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते बीती रात से अचानक सर्द हवाओं के साथ कोहरे ने शहर को ढक दिया. कोहरा इतना ज्यादा था कि थोड़ी दूर का भी दिखना मुश्किल हो रहा था. वहीं मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दो दिनों तक ठंड बढ़ने को लेकर लोगों को सावधान रहने के लिए कहा है. शुक्रवार से वातावरण से नमी कम होते ही तापमान में गिरावट आने लगेगी. जिससे ठंड का असर फिर तेज होगा.
मौसम विभाग के अधिकारी कालीचरण रैकवार ने बताया कि "वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात और उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम बना हुआ है. निचले स्तर पर पूर्वी हवाएं तो ऊपर के स्तर पर पश्चिमी हवाएं चल रही हैं. हवाओं के साथ नमी भी आने के कारण बुधवार को बादल छाएंगे और अगले 2 दिनों तक ठंड से राहत नहीं मिलेगी. लिहाजा अगले 48 घंटों के भीतर छतरपुर जिले के कई हिस्सों में घना कोहरा फिर देखने को मिल सकता है.
यह कोहरा विशेष रूप से सुबह और रात में प्रभावित करेगा. जिससे सड़क पर यात्रा करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. 18 जनवरी से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने जा रहा है. जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार बढ़ेगी. इस दौरान शीतलहर के साथ कोल्ड डे की भी स्थिति बनेगी. 22 से 25 जनवरी तक प्रदेश में ठंड से राहत मिलने की उम्मीद कम दिखाई दे रही है."
शीतलहर का सितम
मौसम विभाग के अधिकारी कालीचरण रैकवार का कहना है कि वर्तमान समय में उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी है. छतरपुर जिले में भी ठंड में बढ़ोतरी हो सकती है. जिले के विभिन्न हिस्सों में न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. इसके कारण ठंड और भी महसूस होगी. जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है. किसानों के लिए यह मौसम सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि किसानों को अपनी फसलों को ठंड से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी होगी. दरअसल, मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर भारत में प्रवेश करने वाली ठंडी हवाओं के कारण हो रहा है."
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वहीं डॉक्टर शालू वर्मा बताती हैं "ठंड से बचने के लिए आग का सहारा लें, गर्म कपड़े पहनें और जरूरी हो, तभी घर से निकलें. ये ठंड सबसे खतरनाक होती है. जो बुजुर्गों ओर बच्चों पर ज्यादा अटैक करती है. जिला हॉस्पिटल में भी लगातार बुजुर्ग और बच्चों की संख्या बढ़ रही है.