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पलामू-गढ़वा से CRPF होगा क्लोज! बूढ़ा पहाड़ में एक बटालियन मणिपुर भेजने की तैयारी, सांसद लिखेंगे पत्र - CRPF removal in Palamu - CRPF REMOVAL IN PALAMU

CRPF in Palamu. पलामू में सीआरपीएफ के डीआईजी कार्यालय को शिफ्ट कर लातेहार भेजा जा रहा है. जिसे लेकर पलामू सांसद विष्णुदयाल राम पिकेट और यहां के हालात को लेकर गृह मंत्रालय, सीआरपीएफ, आईजी और एसपी को पत्र लिखेंगे. साथ ही आला अधिकारियों से बात भी करेंगे.

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पुलिस जवान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 31, 2024, 5:55 PM IST

पलामू: पलामू और गढ़वा से केंद्रीय रिजर्व को क्लोज करने की तैयारी चल रही है. पलामू में पिछले एक दशक से तैनात सीआरपीएफ के 134 बटालियन को सारंडा के इलाके में शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं, बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तैनात एक बटालियन को मणिपुर भेजा जा रहा है. पलामू में सीआरपीएफ के डीआईजी कार्यालय को शिफ्ट कर लातेहार भेजा जा रहा है. पूरे मामले में पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम ने संज्ञान लिया है.

सांसद विष्णुदयाल राम (ETV BHARAT)

पलामू सांसद विष्णुदयाल राम पिकेट एवं हालात को लेकर गृह मंत्रालय, सीआरपीएफ, आईजी और एसपी को पत्र लिखेंगे. साथ ही पूरे मामले में आला अधिकारियों से बात भी करेंगे. पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम ने बताया कि देश के अलग-अलग इलाके में हालात के आधार पर केंद्रीय रिजर्व बल की तैनाती होती है. उन्होंने कहा कि अचानक फोर्स की कमी नहीं होनी चाहिए. धीरे धीरे फोर्स को कम किया जाना चाहिए, यह भी निर्भर करता है कि कौन से इलाके में कितने फोर्स की जरूरत है.

जवानों की संख्या खत्म नहीं होनी चाहिए: सांसद

पलामू सांसद ने कहा कि पिकेट में जवानों की संख्या को कम करके भी काम चलाया जा सकता है. जरूरी नहीं है कि पिकेट कंपनी स्तर पर मैनेज हो सके, अलग स्तर पर भी पिकेट को मैनेज किया जा सकता है. पिकेटों को अभी और समय तक रखने की आवश्यता है. राष्ट्रीय परिपेक्ष के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं को ध्यान रखना चाहिए.

दो दशक से ऑपरेशन संभाल रही थी सीआरपीएफ

केंद्रीय रिजर्व पिछले दो दशक से पलामू के इलाके में नक्सल विरोधी अभियान की कमान संभाल रहा था. 2023 में पलामू में तैनात सीआरपीएफ 134 बटालियन को सारंडा के इलाके में शिफ्ट कर दिया गया था. सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर पलामू में था. जबकि इसकी पूरी कंपनियां सारंडा के इलाके में तैनात थी. पलामू से सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर को भी हटाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: आईईडी का मकड़जाल तोड़ सुरक्षाबल कर रहे सारंडा फतेह, अभियान में चुकानी पड़ी है बड़ी कीमत!

ये भी पढ़ें: कहां हैं माओवादियों के एम-16, एक्स-95 जैसे आधुनिक हथियार, बूढ़ापहाड़ और बिहार सीमा से बरामद करना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती

पलामू: पलामू और गढ़वा से केंद्रीय रिजर्व को क्लोज करने की तैयारी चल रही है. पलामू में पिछले एक दशक से तैनात सीआरपीएफ के 134 बटालियन को सारंडा के इलाके में शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं, बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तैनात एक बटालियन को मणिपुर भेजा जा रहा है. पलामू में सीआरपीएफ के डीआईजी कार्यालय को शिफ्ट कर लातेहार भेजा जा रहा है. पूरे मामले में पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम ने संज्ञान लिया है.

सांसद विष्णुदयाल राम (ETV BHARAT)

पलामू सांसद विष्णुदयाल राम पिकेट एवं हालात को लेकर गृह मंत्रालय, सीआरपीएफ, आईजी और एसपी को पत्र लिखेंगे. साथ ही पूरे मामले में आला अधिकारियों से बात भी करेंगे. पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम ने बताया कि देश के अलग-अलग इलाके में हालात के आधार पर केंद्रीय रिजर्व बल की तैनाती होती है. उन्होंने कहा कि अचानक फोर्स की कमी नहीं होनी चाहिए. धीरे धीरे फोर्स को कम किया जाना चाहिए, यह भी निर्भर करता है कि कौन से इलाके में कितने फोर्स की जरूरत है.

जवानों की संख्या खत्म नहीं होनी चाहिए: सांसद

पलामू सांसद ने कहा कि पिकेट में जवानों की संख्या को कम करके भी काम चलाया जा सकता है. जरूरी नहीं है कि पिकेट कंपनी स्तर पर मैनेज हो सके, अलग स्तर पर भी पिकेट को मैनेज किया जा सकता है. पिकेटों को अभी और समय तक रखने की आवश्यता है. राष्ट्रीय परिपेक्ष के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं को ध्यान रखना चाहिए.

दो दशक से ऑपरेशन संभाल रही थी सीआरपीएफ

केंद्रीय रिजर्व पिछले दो दशक से पलामू के इलाके में नक्सल विरोधी अभियान की कमान संभाल रहा था. 2023 में पलामू में तैनात सीआरपीएफ 134 बटालियन को सारंडा के इलाके में शिफ्ट कर दिया गया था. सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर पलामू में था. जबकि इसकी पूरी कंपनियां सारंडा के इलाके में तैनात थी. पलामू से सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर को भी हटाया जा रहा है.

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