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कहां हैं माओवादियों के एम-16, एक्स-95 जैसे आधुनिक हथियार, बूढ़ापहाड़ और बिहार सीमा से बरामद करना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती - Modern weapons of Maoists

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 22, 2024, 2:31 PM IST

Modern weapons of Maoists. पलामू के बिहार से सटे सीमावर्ती और बूढ़ा पहाड़ इलाकों से माओवादियों के टॉप कमांडर की गिरफ्तारी के बाद भी सुरक्षाबलों को उनके पास के ऑटोमेटिक और विदेशी हथियार नहीं बरामद हुए हैं. माओवादियों ने इन हथियारों को कहां छुपाया है. यह अभी भी एक बड़ा सवाल है.

Modern weapons of Maoists
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के पास इजराइली हथियार एम-16 और एक्स-95 हैं. माओवादी बिहार से सटे सीमावर्ती और बूढ़ा पहाड़ इलाकों में ऑटोमेटिक और विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. 2022 में सुरक्षा बलों ने बिहार से सटे छकरबंधा और बूढ़ा पहाड़ इलाकों पर कब्जा कर लिया है. कब्जे के बाद सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है. लेकिन माओवादियों के पास मौजूद एम-16, एक्स-95 या एचके-33 जैसे विदेशी हथियार बरामद नहीं हो पाए हैं.

बूढ़ा पहाड़ और बिहार में इन हथियारों को बरामद करना अभी भी सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ है. एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हथियारों को बरामद करना आसान नहीं है. इसकी बरामदगी के लिए सटीक जानकारी होनी चाहिए. बूढ़ा पहाड़ इलाके में कई जगहों पर जंगलों की खुदाई की गई लेकिन हथियार बरामद नहीं हो पाए हैं.

"किसी भी कमांडर की गिरफ्तारी के बाद हथियारों का ठिकाना बदल दिया जाता है. हथियारों की जानकारी रिजनल या जोनल कमांडर रैंक के माओवादियों के पास रहती है. संबंधित कमांडर के पकड़े जाने या मारे जाने के बाद कई बार हथियारों को जंगल में ही दफना दिया जाता है." - सुरेंद्र यादव, पूर्व माओवादी कमांडर

माओवादियों ने 17 लाख रुपये में खरीदे थे एम-16

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने 2015-16 में 17 लाख रुपये प्रति एम-16 की कीमत पर इजरायली हथियार एम-16 खरीदा था. इस दौरान 16 एके-47 भी खरीदे गए थे. सभी हथियार झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में रखे गए थे. पुलिस और सुरक्षा बलों ने माओवादियों के सेंट्रल जोन (बिहार के पलामू, चतरा, गया, औरंगाबाद, रोहतास) के प्रवक्ता अभय यादव को गिरफ्तार किया. अभय यादव ने खुद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को बताया कि 17 लाख रुपये में एम-16 खरीदे गए थे. माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के शीर्ष कमांडर संदीप यादव ने सभी हथियार खरीदे थे. यह हथियार बिहार के पटना निवासी प्रकाश मिश्रा नामक व्यक्ति ने मुहैया कराया था. संदीप यादव की 2022 में बीमारी से मौत हो गई थी. संदीप यादव की मौत के बाद सुरक्षा बलों ने छकरबंधा इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था.

माओवादियों की बैठक में एम-16 का किया गया था विरोध

एम-16 जैसे आधुनिक हथियारों की खरीद के बाद माओवादियों की एक बैठक हुई थी, जिसमें इस हथियार का विरोध किया गया था. माओवादियों को एम-16 की गोलियां और कनेक्टेड गोले नहीं मिल पा रहे थे. 25 लाख रुपये का इनामी माओवादी अजीत उर्फ ​​चार्लीस एम-16 को असेंबल करने और चलाने की ट्रेनिंग देता था. अजीत उर्फ ​​चार्लीस माओवादियों का टेक्निकल एक्सपर्ट था, जो पलामू-चतरा सीमा पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर एक्स-095 जैसे आधुनिक हथियार लूट लिए थे.

दर्जनों की संख्या में थे एके-47 और एके-56

माओवादियों के शीर्ष कमांडो ने पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं. माओवादियों के प्रवक्ता अभय यादव ने सुरक्षा बलों को बताया था कि बिहार सीमा पर मौजूद दस्ते के पास एक एके-95, दो एम-16 और करीब दो दर्जन एके-47 हैं. वहीं, सरेंडर करने वाले इनामी माओवादी कमांडर बिरसाई ने सुरक्षा बलों को बूढ़ा पहाड़ के इलाके में हथियार होने की जानकारी दी थी. बिरसाई ने सुरक्षा बलों को बताया था कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों के पास एक दर्जन से अधिक एके-47 और एके-56 हैं, 2022 से अब तक बूढ़ा पहाड़ के लातेहार से सटे इलाके में 05 एसएलआर, चार एके-47, 04 इंसास, दो एलएमजी बरामद हो चुकी हैं. गढ़वा के इलाके में दो एके-47, दो इंसास बरामद हो चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: झारखंड में माओवादियों के दो टॉप कमांडर हुए अलग, अंदरूनी दरार या ये है असली वजह... - Internal rift in Maoists

यह भी पढ़ें: माओवादी कमांडरों को भूतों का खौफ! अनजान सायों से परेशान नक्सली, कर रहे अजीबोगरीब हरकतें - Maoist commanders afraid of ghosts

यह भी पढ़ें: बीड़ी पत्ता के पैसे से माओवादी खरीदते थे हथियार और विस्फोटक! लेवी वसूलने के फिराक में माओवादी, रोकने के लिए पुलिस की ये है तैयारी - Naxal activity in Jharkhand

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के पास इजराइली हथियार एम-16 और एक्स-95 हैं. माओवादी बिहार से सटे सीमावर्ती और बूढ़ा पहाड़ इलाकों में ऑटोमेटिक और विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. 2022 में सुरक्षा बलों ने बिहार से सटे छकरबंधा और बूढ़ा पहाड़ इलाकों पर कब्जा कर लिया है. कब्जे के बाद सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है. लेकिन माओवादियों के पास मौजूद एम-16, एक्स-95 या एचके-33 जैसे विदेशी हथियार बरामद नहीं हो पाए हैं.

बूढ़ा पहाड़ और बिहार में इन हथियारों को बरामद करना अभी भी सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ है. एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हथियारों को बरामद करना आसान नहीं है. इसकी बरामदगी के लिए सटीक जानकारी होनी चाहिए. बूढ़ा पहाड़ इलाके में कई जगहों पर जंगलों की खुदाई की गई लेकिन हथियार बरामद नहीं हो पाए हैं.

"किसी भी कमांडर की गिरफ्तारी के बाद हथियारों का ठिकाना बदल दिया जाता है. हथियारों की जानकारी रिजनल या जोनल कमांडर रैंक के माओवादियों के पास रहती है. संबंधित कमांडर के पकड़े जाने या मारे जाने के बाद कई बार हथियारों को जंगल में ही दफना दिया जाता है." - सुरेंद्र यादव, पूर्व माओवादी कमांडर

माओवादियों ने 17 लाख रुपये में खरीदे थे एम-16

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने 2015-16 में 17 लाख रुपये प्रति एम-16 की कीमत पर इजरायली हथियार एम-16 खरीदा था. इस दौरान 16 एके-47 भी खरीदे गए थे. सभी हथियार झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में रखे गए थे. पुलिस और सुरक्षा बलों ने माओवादियों के सेंट्रल जोन (बिहार के पलामू, चतरा, गया, औरंगाबाद, रोहतास) के प्रवक्ता अभय यादव को गिरफ्तार किया. अभय यादव ने खुद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को बताया कि 17 लाख रुपये में एम-16 खरीदे गए थे. माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के शीर्ष कमांडर संदीप यादव ने सभी हथियार खरीदे थे. यह हथियार बिहार के पटना निवासी प्रकाश मिश्रा नामक व्यक्ति ने मुहैया कराया था. संदीप यादव की 2022 में बीमारी से मौत हो गई थी. संदीप यादव की मौत के बाद सुरक्षा बलों ने छकरबंधा इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था.

माओवादियों की बैठक में एम-16 का किया गया था विरोध

एम-16 जैसे आधुनिक हथियारों की खरीद के बाद माओवादियों की एक बैठक हुई थी, जिसमें इस हथियार का विरोध किया गया था. माओवादियों को एम-16 की गोलियां और कनेक्टेड गोले नहीं मिल पा रहे थे. 25 लाख रुपये का इनामी माओवादी अजीत उर्फ ​​चार्लीस एम-16 को असेंबल करने और चलाने की ट्रेनिंग देता था. अजीत उर्फ ​​चार्लीस माओवादियों का टेक्निकल एक्सपर्ट था, जो पलामू-चतरा सीमा पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर एक्स-095 जैसे आधुनिक हथियार लूट लिए थे.

दर्जनों की संख्या में थे एके-47 और एके-56

माओवादियों के शीर्ष कमांडो ने पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं. माओवादियों के प्रवक्ता अभय यादव ने सुरक्षा बलों को बताया था कि बिहार सीमा पर मौजूद दस्ते के पास एक एके-95, दो एम-16 और करीब दो दर्जन एके-47 हैं. वहीं, सरेंडर करने वाले इनामी माओवादी कमांडर बिरसाई ने सुरक्षा बलों को बूढ़ा पहाड़ के इलाके में हथियार होने की जानकारी दी थी. बिरसाई ने सुरक्षा बलों को बताया था कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों के पास एक दर्जन से अधिक एके-47 और एके-56 हैं, 2022 से अब तक बूढ़ा पहाड़ के लातेहार से सटे इलाके में 05 एसएलआर, चार एके-47, 04 इंसास, दो एलएमजी बरामद हो चुकी हैं. गढ़वा के इलाके में दो एके-47, दो इंसास बरामद हो चुकी हैं.

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