टोंक. सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने शुक्रवार को यहां बनास नदी के गहलोद घाट पर बन रहे 134 करोड़ की लागत के निर्माणाधीन पुल का अवलोकन करने पहुंचे. वे इस पुल के 5 गर्डर गिरने की घटना के 14 दिन बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के साथ यहां आए. उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए अधिकारियों को लापरवाही के लिए जमकर लताड़ा. उन्होंने पीडब्लूडी के एसई को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आपका क्या है आओ, खाओ, पीओ और चले जाओ. मुफ्त की तनख्वाह ली है या प्रमोशन से बनकर आए हो. इस दौरान सांसद ने पुल के गर्डर गिरने के मामले में अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल खड़े किए.
एक साल पहले ही शंका जताई थी: बाद में मीडिया से बात करते हुए सांसद ने कहा कि मैंने एक साल पहले ही इसकी गुणवत्ता को लेकर शंका जताई थी. आज भी निर्माण में खानापूर्ति की जा रही है. इस गंभीर मामले में हम ऊपर बात करेंगे. इस दौरान सांसद जौनापुरिया ने क्वालिटी कंट्रोल के चीफ इंजीनियर से भी मोबाइल पर बात करते अपना विरोध जताया. जयपुर से पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल जसवंत खत्री हादसे के आठ दिन बाद मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने बनास ब्रिज के गिरे हुए गर्डर और निर्माण का निरीक्षण किया था.
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50 पिल्लर पर बन रहा यह पुल: बनास नदी पर बन रहा यह पुल राजस्थान के सबसे लंबे पुलों में से एक है. यह पुल 134 करोड़ 74 लाख की लागत से टोंक के गहलोद घाट पर बन रहा है. यह पुल दो किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 50 पिलर (स्पॉन) होंगे. पुल की चौड़ाई 10 मीटर होगी. यह पुल टोंक जिले का सबसे चौड़ा पहला पुल होगा. इस निर्माणाधीन पुल के पांच गर्डर 10 मई की शाम को गिर गए थे. इस मामले में आजतक किसी के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई.