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मध्य प्रदेश के एक मंत्री बिना वेतन भत्ते के करेंगे काम, विधानसभा में वेतन भत्ता संशोधन विधेयक पास - MP Salary Allowance Bill pass - MP SALARY ALLOWANCE BILL PASS

मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में शुक्रवार को वेतन भत्ता संशोधन विधेयक पास हो गया है. सरकार के सभी मंत्रियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. वहीं मोहन सरकार के एक मंत्री ने वेतन-भत्ता न लेने का ऐलान किया है. not take salary

MP SALARY ALLOWANCE BILL PASS
मध्य प्रदेश के एक मंत्री बिना वेतन भत्ते के करेंगे काम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 9:13 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्रियों को वेतन-भत्तों पर लगने वाले आयकर कर का भुगतान खुद ही करना होगा. विधानसभा में मध्यप्रदेश मंत्री (वेतन तथा भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पास हो गया है. सरकार के सभी मंत्रियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. उधर मोहन सरकार के एक मंत्री ने सरकार से मिलने वाले वेतन-भत्तों को न लेने का ऐलान किया है. उन्होंने सरकार से कहा है कि उनके वेतन-भत्तों को सरकारी खजाने में जमा कराया जाए. उधर विधानसभा में 6 विधेयकों को पास कर दिया गया.

पिछले 13 सालों से नहीं लिए वेतन-भत्ते

प्रदेश की मोहन सरकार में एमएसएमई मंत्री चेतन्य कश्यप सरकार से मंत्री के तौर पर मिलने वाले वेतन भत्ते नहीं लेंगे. ईटीवी भारत से चर्चा में उन्होंने कहा कि 'वे राजनीति में समाज कल्याण के लिए आए हैं, इसलिए उन्होंने वेतन भत्ते न लेने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि मैं दो बार विधायक भी रहा हूं, लेकिन पहले भी मैंने सरकार से विधायक के तौर पर वेतन भत्ते नहीं लिए और इस बार भी विधानसभा सचिवालय को वेतन-भत्ते न लेने की जानकारी दे दी है. उन्होंने कहा कि मैंने कहा है कि मेरा वेतन भत्ता सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाए.' वैसे बता दें कि चेतन्य कश्यप प्रदेश के करोड़पति विधायक हैं. उन्हेंने चुनाव के दौरान शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 296.08 करोड़ रुपए बताई थी.

यहां पढ़ें...

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विधानसभा में विधेयक पारित

उधर विधानसभा में मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन व भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 पास हो गया. अब प्रदेश में मंत्रियों को मिलने वाले वेतन-भत्तों पर लगने वाले आयकर का भुगतान सरकार नहीं करेगी. मंत्रियों को अपना इनकम टैक्स का भुगतान खुद ही करना होगा. विधानसभा में मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 को भी मंजूरी दे दी गई. विधेयक में जुर्माने की राशि के अभाव में जेल की सजा काट रहे बंदियों को रिहा कराने सरकार आर्थिक मदद करेगी. इसके अलावा बंदियों के सामाजिक उत्थान के प्रावधान किए गए हैं. विधानसभा में गौवंश वध प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश में खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा विधेयक को पास कर दिया गया है.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्रियों को वेतन-भत्तों पर लगने वाले आयकर कर का भुगतान खुद ही करना होगा. विधानसभा में मध्यप्रदेश मंत्री (वेतन तथा भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पास हो गया है. सरकार के सभी मंत्रियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. उधर मोहन सरकार के एक मंत्री ने सरकार से मिलने वाले वेतन-भत्तों को न लेने का ऐलान किया है. उन्होंने सरकार से कहा है कि उनके वेतन-भत्तों को सरकारी खजाने में जमा कराया जाए. उधर विधानसभा में 6 विधेयकों को पास कर दिया गया.

पिछले 13 सालों से नहीं लिए वेतन-भत्ते

प्रदेश की मोहन सरकार में एमएसएमई मंत्री चेतन्य कश्यप सरकार से मंत्री के तौर पर मिलने वाले वेतन भत्ते नहीं लेंगे. ईटीवी भारत से चर्चा में उन्होंने कहा कि 'वे राजनीति में समाज कल्याण के लिए आए हैं, इसलिए उन्होंने वेतन भत्ते न लेने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि मैं दो बार विधायक भी रहा हूं, लेकिन पहले भी मैंने सरकार से विधायक के तौर पर वेतन भत्ते नहीं लिए और इस बार भी विधानसभा सचिवालय को वेतन-भत्ते न लेने की जानकारी दे दी है. उन्होंने कहा कि मैंने कहा है कि मेरा वेतन भत्ता सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाए.' वैसे बता दें कि चेतन्य कश्यप प्रदेश के करोड़पति विधायक हैं. उन्हेंने चुनाव के दौरान शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 296.08 करोड़ रुपए बताई थी.

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विधानसभा में विधेयक पारित

उधर विधानसभा में मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन व भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 पास हो गया. अब प्रदेश में मंत्रियों को मिलने वाले वेतन-भत्तों पर लगने वाले आयकर का भुगतान सरकार नहीं करेगी. मंत्रियों को अपना इनकम टैक्स का भुगतान खुद ही करना होगा. विधानसभा में मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 को भी मंजूरी दे दी गई. विधेयक में जुर्माने की राशि के अभाव में जेल की सजा काट रहे बंदियों को रिहा कराने सरकार आर्थिक मदद करेगी. इसके अलावा बंदियों के सामाजिक उत्थान के प्रावधान किए गए हैं. विधानसभा में गौवंश वध प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश में खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा विधेयक को पास कर दिया गया है.

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