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एमपी में बारिश-ओलावृष्टि से नुकसान, फसलों का सर्वे जारी, कृषि मंत्री कंषाना ने दिया किसानों को भरोसा - MP rain and hailstorm

मध्यप्रदेश में बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है. फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए हैं. वहीं, कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि सर्वे पूरा होने के बाद जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा.

MP rain and hailstorm wheat corp damage
किसानों से बोले कृषि मंत्री कंषाना जल्द मिलेगा मुआवजा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 12, 2024, 4:07 PM IST

कृषि मंत्री कंषाना ने दिया किसानों को भरोसा

मुरैना। मध्यप्रदेश में गेहूं की फसल कटने को तैयार है. कई जगहों पर फसल कट भी चुकी है. लेकिन इसी दौरान अप्रैल के शुरुआत से ही बारिश और ओलावृष्टि का दौर शुरू हो गया. फरवरी के अंत में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है. इससे लगभग सभी जिलों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीमें सर्वे के काम में लगी हैं. अब प्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि सर्वे पूरा होते ही किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा वितरित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व अमला कर रहा सर्वे

कृषि मंत्री कंषाना ने कहा 'प्राकृतिक आपदा पर किसी का बस नहीं है. यह कभी भी, किसी भी क्षेत्र में घटित हो सकती है. ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. फसल नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीमें लगी हुई हैं. सर्वे कार्य पूर्ण होते ही किसानों को मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाएगी. किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. बीजेपी सरकार किसानों के साथ है." गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बारिश से गेहूं की फसल को बचाने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय को निर्देश दिए हैं. इसके बाद संचालनालय ने सभी जिलों के फूड कंट्रोलर स्तर के अधिकारियों के साथ ही आयुक्त मंडी बोर्ड और अन्य को निर्देश जारी किया है.

फरवरी व अप्रैल में बारिश से इन जिलों में नुकसान

इस साल फरवरी माह में मध्यप्रदेश के छतरपुर, सागर, शहडोल, अनूपपुर, बैतूल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सतना, जबलपुर, नरसिंहपुर, उज्जैन, रतलाम, नीमच, धार, खरगोन, खंडवा में बारिश से काफी नुकसान हुआ. इसके अलावा भोपाल से सटे जिले सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम में भी गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा. इसके बाद इस माह अप्रैल में भोपाल रीजन के साथ ही मालवा व महाकौशल क्षेत्र के जिलों में बारिश हुई. हालांकि इस दौरान अधिकांश जगहों पर फसलें कट चुकी हैं. लेकिन कई जगहों पर फसलें अब भी पककर खेतों में खड़ी हैं, इन्हें नुकसान पहुंचा है.

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मध्यप्रदेश के इन जिलों में ओलावृष्टि का अनुमान

शुक्रवार को सागर, धार, रतलाम, अलीराजपुर के साथ ही उज्जैन में ओले गिरने का अनुमान है. नीमच, मंदसौर, झाबुआ, इंदौर, बड़वानी के बावनगजा, दमोह, मऊगंज, कटनी, रीवा, सीधी, गुना, बैतूल, हरदा, आगर, खरगोन के महेश्वर, खंडवा के ओंकारेश्वर, शाजापुर, देवास, नर्मदापुरम, सतना के चित्रकूट, सिंगरौली, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा में भी बारिश की संभावना है.

कृषि मंत्री कंषाना ने दिया किसानों को भरोसा

मुरैना। मध्यप्रदेश में गेहूं की फसल कटने को तैयार है. कई जगहों पर फसल कट भी चुकी है. लेकिन इसी दौरान अप्रैल के शुरुआत से ही बारिश और ओलावृष्टि का दौर शुरू हो गया. फरवरी के अंत में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है. इससे लगभग सभी जिलों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीमें सर्वे के काम में लगी हैं. अब प्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि सर्वे पूरा होते ही किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा वितरित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व अमला कर रहा सर्वे

कृषि मंत्री कंषाना ने कहा 'प्राकृतिक आपदा पर किसी का बस नहीं है. यह कभी भी, किसी भी क्षेत्र में घटित हो सकती है. ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. फसल नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीमें लगी हुई हैं. सर्वे कार्य पूर्ण होते ही किसानों को मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाएगी. किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. बीजेपी सरकार किसानों के साथ है." गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बारिश से गेहूं की फसल को बचाने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय को निर्देश दिए हैं. इसके बाद संचालनालय ने सभी जिलों के फूड कंट्रोलर स्तर के अधिकारियों के साथ ही आयुक्त मंडी बोर्ड और अन्य को निर्देश जारी किया है.

फरवरी व अप्रैल में बारिश से इन जिलों में नुकसान

इस साल फरवरी माह में मध्यप्रदेश के छतरपुर, सागर, शहडोल, अनूपपुर, बैतूल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सतना, जबलपुर, नरसिंहपुर, उज्जैन, रतलाम, नीमच, धार, खरगोन, खंडवा में बारिश से काफी नुकसान हुआ. इसके अलावा भोपाल से सटे जिले सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम में भी गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा. इसके बाद इस माह अप्रैल में भोपाल रीजन के साथ ही मालवा व महाकौशल क्षेत्र के जिलों में बारिश हुई. हालांकि इस दौरान अधिकांश जगहों पर फसलें कट चुकी हैं. लेकिन कई जगहों पर फसलें अब भी पककर खेतों में खड़ी हैं, इन्हें नुकसान पहुंचा है.

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मध्यप्रदेश के इन जिलों में ओलावृष्टि का अनुमान

शुक्रवार को सागर, धार, रतलाम, अलीराजपुर के साथ ही उज्जैन में ओले गिरने का अनुमान है. नीमच, मंदसौर, झाबुआ, इंदौर, बड़वानी के बावनगजा, दमोह, मऊगंज, कटनी, रीवा, सीधी, गुना, बैतूल, हरदा, आगर, खरगोन के महेश्वर, खंडवा के ओंकारेश्वर, शाजापुर, देवास, नर्मदापुरम, सतना के चित्रकूट, सिंगरौली, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा में भी बारिश की संभावना है.

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