भोपाल। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में लगातार गड़बड़ियों के मामले सामने आ रहे हैं. जिस पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सख्ती दिखाई है. डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मेडिकल एजुकेशन विभाग ने नर्सिंग कॉलेज में सुधार के लिए रोडमैप बनाया है. जिसके तहत उन अधिकारियों तथा कर्मचारियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को परमीशन देने में मदद की है. ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किये जाएगा.
रडार पर लापरवाह अधिकारी-कर्मचारी
नर्सिंग कॉलेजों में घोटाला करने वाले अधिकारी कर्मचारी अब सरकार की रडार ने बच नहीं पाएंगे. दरअसल सीएम मोहन यादव के निर्देश पर मेडिकल एजुकेशन विभाग उन अधिकारियों तथा कर्मचारियों की पहचान करने में जुटा है जिन्होंने अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में सहायता की. आदेश के अनुसार, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की तर्ज पर नर्सिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं होगी. प्रदेश में नर्सिंग कोर्सेस के लिए नयी रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाएगी.
नर्सिंग स्टूडेंट्स की स्टेट लेवल पर परीक्षा होगी
सीएम मोहन यादव ने "X" पर ट्ववीट करते हुए कहा कि ''नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं में हुई अनियमितताओं के सभी मामलों में कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. इसमें शामिल सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी. इंजीनियरिंग-मेडिकल की तर्ज़ पर नर्सिंग स्टूडेंट्स की स्टेट लेवल पर परीक्षा होगी. केंद्र के नर्सिंग एक्ट के अनुसार राज्य में आयोग गठित होगा. भविष्य में नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता राष्ट्रीय आयोग देगा. साथ ही नर्सिंग काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार और सचिव पर भी कार्यवाही की जायेगी. इस तरह की अनियमितता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जायेगी.'' सीएम मोहन यादव ने कहा कि नर्सिंग घोटालों के दलालों की सूची तैयार की जाएगी, सभी पर सिलसिलेवार कार्रवाई की जाएगी.
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कब हुआ था नर्सिंग घोटाला
बता दें कि, मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के बाद सबसे बड़ा घोटाला नर्सिंग घोटाला था. पूर्व सीएम शिवराज सिंह के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में घोटाला सामने आया था. आरोप थे कि सरकार ने नर्सिंग कॉलेज में मान्यता देने, फैकल्टी की नियुक्ति करने, एडमिशन करने और डिग्री देने में करप्शन भ्रष्टाचार किया है. जिसके बाद छात्र परीक्षा देने से भी वंचित रह गए थे. तब मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश सीबीआई को दिये थे. हाल ही में इस मामले में जांच में जुटे सीबीआई अधिकारी राहुल राज सहित 13 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि सीबीआई अधिकारी राहुल राज ने इंदौर के मलय नर्सिंग कॉलेज की चेयरमैन और प्रिंसिपल से जांच को दबाने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.