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उपभोक्ताओं की जेब ढीली करेगा स्मार्ट मीटर, 10 साल तक भरना पड़ेगी किस्त - MADHYA PRADESH ELECTRICITY RULES

मध्य प्रदेश के कई जिलों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. जिसके लिए उपभोक्ताओं से 25 हजार की राशि वसूली जाएगी.

MADHYA PRADESH ELECTRICITY RULES
उपभोक्ताओं की जेब ढीली करेगा स्मार्ट मीटर (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 7:20 PM IST

Updated : Jan 31, 2025, 9:20 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में बिजली की खपत और उत्पादन की सटीक रीडिंग और बिलिंग के काम से राहत पाने के लिए बिजली कंपनियां द्वारा प्रदेश भर में स्मार्ट मीटर लगाने जा रहे हैं. प्रदेश के 16 जिलों में करीबन 94 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. वहीं बाकी बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जा रहा है, लेकिन अब अप्रैल माह से ऐसे सभी बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर स्मार्ट मीटर के नाम पर बोझ बढ़ने जा रहा है.

स्मार्ट मीटर के लिए बिजली उपभोक्ताओं से 25 हजार रुपए की राशि वसूली जाएगी. हालांकि यह राशि किस्तों में आगामी दस सालों में ली जाएगी. इसके खिलाफ विभाग से रिटायर्ड दो अधिकारियों ने नियामक आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है.

इस तरह वसूली जाएगी 25 हजार की राशि

स्मार्ट मीटर और इसके लगाने वाले आने वाला वित्तीय भार बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं से ही वसूलने की तैयारी कर रही हैं. इसके लिए हर उपभोक्ता से 25 हजार रुपए की राशि वसूली जाएगी. यह राशि किस्तों में बिजली बिल के साथ ही हर माह जुड़कर आएगी. हालांकि बिल में वसूली जाने वाली इस राशि को अलग से नहीं दर्शाया जाएगा. इस तरह आगामी दस सालों में किस्तों में इस पूरी राशि को बिजली उपभोक्ताओं के जेब से ही लिया जाएगा.

हालांकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि "यह कोई नई बात नहीं है. नए मीटर का बिल हमेशा उपभोक्ताओं से ही वसूल किया जाता रहा है. स्मार्ट मीटर का बिल भी उपभोक्ताओं से लिए जाने का प्रावधान पहले से ही था. उधर इस मामले में विद्युत नियामक आयोग के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई है.

रिटायर्ड अधिकारियों ने लगाई आपत्ति

विद्युत नियामक आयोग की 11 फरवरी से शुरू होने जा रही सुनवाई में इस मुद्दे पर विभाग से रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हुए राजेन्द्र अग्रवाल और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हुए राजेश चौधरी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने उठाया है. उन्होंने इसकी नियामक आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. उनकी इस शिकायत पर आयोग 11, 13 और 14 फरवरी को होने वाली सुनवाई करेगा.

स्मार्ट मीटर से मोबाइल जैसे कराना होगा रीचार्ज

स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को हर बार इसे मोबाइल की तरह रीचार्ज कराना होगा. यह मीटर बायडायरेक्शनल होते हैं. यानी यह बिजली की खपत की तो रीडिंग करेंगे ही, साथ ही यदि किसी घर पर सोलर पैनल लगा है तो उससे ग्रिड को दी जाने वाली बिजली की भी रीडिंग की जा सकेगी.

भोपाल: मध्य प्रदेश में बिजली की खपत और उत्पादन की सटीक रीडिंग और बिलिंग के काम से राहत पाने के लिए बिजली कंपनियां द्वारा प्रदेश भर में स्मार्ट मीटर लगाने जा रहे हैं. प्रदेश के 16 जिलों में करीबन 94 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. वहीं बाकी बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जा रहा है, लेकिन अब अप्रैल माह से ऐसे सभी बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर स्मार्ट मीटर के नाम पर बोझ बढ़ने जा रहा है.

स्मार्ट मीटर के लिए बिजली उपभोक्ताओं से 25 हजार रुपए की राशि वसूली जाएगी. हालांकि यह राशि किस्तों में आगामी दस सालों में ली जाएगी. इसके खिलाफ विभाग से रिटायर्ड दो अधिकारियों ने नियामक आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है.

इस तरह वसूली जाएगी 25 हजार की राशि

स्मार्ट मीटर और इसके लगाने वाले आने वाला वित्तीय भार बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं से ही वसूलने की तैयारी कर रही हैं. इसके लिए हर उपभोक्ता से 25 हजार रुपए की राशि वसूली जाएगी. यह राशि किस्तों में बिजली बिल के साथ ही हर माह जुड़कर आएगी. हालांकि बिल में वसूली जाने वाली इस राशि को अलग से नहीं दर्शाया जाएगा. इस तरह आगामी दस सालों में किस्तों में इस पूरी राशि को बिजली उपभोक्ताओं के जेब से ही लिया जाएगा.

हालांकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि "यह कोई नई बात नहीं है. नए मीटर का बिल हमेशा उपभोक्ताओं से ही वसूल किया जाता रहा है. स्मार्ट मीटर का बिल भी उपभोक्ताओं से लिए जाने का प्रावधान पहले से ही था. उधर इस मामले में विद्युत नियामक आयोग के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई है.

रिटायर्ड अधिकारियों ने लगाई आपत्ति

विद्युत नियामक आयोग की 11 फरवरी से शुरू होने जा रही सुनवाई में इस मुद्दे पर विभाग से रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हुए राजेन्द्र अग्रवाल और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हुए राजेश चौधरी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने उठाया है. उन्होंने इसकी नियामक आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. उनकी इस शिकायत पर आयोग 11, 13 और 14 फरवरी को होने वाली सुनवाई करेगा.

स्मार्ट मीटर से मोबाइल जैसे कराना होगा रीचार्ज

स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को हर बार इसे मोबाइल की तरह रीचार्ज कराना होगा. यह मीटर बायडायरेक्शनल होते हैं. यानी यह बिजली की खपत की तो रीडिंग करेंगे ही, साथ ही यदि किसी घर पर सोलर पैनल लगा है तो उससे ग्रिड को दी जाने वाली बिजली की भी रीडिंग की जा सकेगी.

Last Updated : Jan 31, 2025, 9:20 PM IST
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