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मोहन यादव सरकार का उद्योगपतियों को जमीन देने का नया प्लान, होम लोन की तरह बंटेगी इंडस्ट्री के लिए जमीन - Mohan Govt New Land Plan

मोहन यादव सरकार ने उद्योगपतियों को काफी कम दर पर जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है. कई इंडस्ट्रियल एरिया में होमलोन की तर्ज पर उद्योगपति जमीन ले सकेंगे. इस जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं. ये जमीन भी उन्हें मामूली कीमत में उपलब्ध कराई जाएगी.

MOHAN GOVT NEW LAND PLAN
मोहन यादव सरकार का उद्योगपतियों को जमीन देने का 'नया प्लान' (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 21, 2024, 6:28 PM IST

Updated : Sep 21, 2024, 9:46 PM IST

Industry Land Like Home Loan: मध्य प्रदेश को औद्योगिक राज्य बनाने के लिए मोहन यादव सरकार संभाग स्तर पर इन्वेस्टर्स मीट के जरिए निवेशकों को लुभा रही है. उद्योगपतियों को रिझाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ-साथ बड़े शहरों से जुड़े नेशनल हाईवे, रेलवे जंक्शन के आसपास औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है. ऐसे में एक बार सरकार अपनी नीतियों में फिर बदलाव कर रही है और निवेश मित्र नीतियां बना रही है. खासकर उद्योगों के लिए जमीन मुहैया कराए जाने और कर राहत को लेकर कई अहम फैसले किए हैं. उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं.

आधा दर्जन से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की दरकार

सरकार ने बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहित कर उद्योगों को रिझाने के लिए बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए हैं. इनमें उज्जैन का ताजपुर इंडस्ट्रियल एरिया, विदिशा का जंबारबागरी इंडस्ट्रियल एरिया, इटारसी का कीरतपुर इंडस्ट्रियल एरिया और जबलपुर का मनेरी शामिल हैं. यहां औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों की रुचि के लिए सस्ती कीमतों पर जमीन देने का फैसला किया है.

निवेश रिझाने मामूली कीमतों में किश्तों पर जमीन

मोहन यादव सरकार ने उद्योगपतियों को काफी कम दर पर जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है. इसके साथ कई इंडस्ट्रियल एरिया में तो होमलोन की तर्ज पर उद्योगपतियों को जमीन मुहैया कराई जा रही है. उनसे एकमुश्त नहीं बल्कि किश्तों में भूखंड की राशि लेने का प्रावधान किया है. उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं. खास बात ये है कि ये जमीन मामूली कीमत में उद्योगपतियों को दी जा रही है. उद्योगपतियों को 100 रुपये से 180 रुपये फीट तक जमीन मुहैया कराई जा रही है.

उत्पादन शुरू करने दिया 3 साल का समय

कम कीमत और आसान किश्तों में जमीन मुहैया कराने के बाद सरकार उद्योगपतियों को अपने यूनिट से उत्पादन शुरू करने के लिए भी पर्याप्त समय दे रही है. सरकार 3 साल में उद्योगपतियों को जमीन पर उत्पादन शुरू करने का अवसर दे रही है. इस अवधि में उद्योगपति यदि उत्पादन शुरू कर देते हैं तो सरकार उन्हें और कई रियायतें मुहैया कराती है. उत्पादन शुरू नहीं होने पर सरकार जमीन वापस ले लेती है.

स्थानीय लोगों को रोजगार पर सब्सिडी

सरकार ने तय किया है कि निवेशक जिन इलाकों के इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी यूनिट लगाकर उत्पादन करती है और स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मुहैया कराती है तो निवेशकों को सरकार की तरफ से कई तरह की रियायत दी जाएंगी. उनकों करों में राहत के अलावा उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर जमीन मुहैया करायी जाएगी.

ये भी पढ़ें:

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'सस्ती जमीन के नये प्लान में निवेशकों ने दिखाई रुचि'

एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के एमडी चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि "सरकार द्वारा बनाए गए इंडस्ट्रियल एरिया में निवेशकों को रिझाने जमीन आवंटन नीति और अन्य रियायतों के लिए नियम शिथिल किए गए हैं. निवेश के प्रति आकर्षण बनाने के लिहाज से ऐसा किया गया है. सरकार के सस्ती जमीन देने के इस नये प्लान में निवेशकों ने रूचि दिखाई है."

Industry Land Like Home Loan: मध्य प्रदेश को औद्योगिक राज्य बनाने के लिए मोहन यादव सरकार संभाग स्तर पर इन्वेस्टर्स मीट के जरिए निवेशकों को लुभा रही है. उद्योगपतियों को रिझाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ-साथ बड़े शहरों से जुड़े नेशनल हाईवे, रेलवे जंक्शन के आसपास औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है. ऐसे में एक बार सरकार अपनी नीतियों में फिर बदलाव कर रही है और निवेश मित्र नीतियां बना रही है. खासकर उद्योगों के लिए जमीन मुहैया कराए जाने और कर राहत को लेकर कई अहम फैसले किए हैं. उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं.

आधा दर्जन से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की दरकार

सरकार ने बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहित कर उद्योगों को रिझाने के लिए बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए हैं. इनमें उज्जैन का ताजपुर इंडस्ट्रियल एरिया, विदिशा का जंबारबागरी इंडस्ट्रियल एरिया, इटारसी का कीरतपुर इंडस्ट्रियल एरिया और जबलपुर का मनेरी शामिल हैं. यहां औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों की रुचि के लिए सस्ती कीमतों पर जमीन देने का फैसला किया है.

निवेश रिझाने मामूली कीमतों में किश्तों पर जमीन

मोहन यादव सरकार ने उद्योगपतियों को काफी कम दर पर जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है. इसके साथ कई इंडस्ट्रियल एरिया में तो होमलोन की तर्ज पर उद्योगपतियों को जमीन मुहैया कराई जा रही है. उनसे एकमुश्त नहीं बल्कि किश्तों में भूखंड की राशि लेने का प्रावधान किया है. उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं. खास बात ये है कि ये जमीन मामूली कीमत में उद्योगपतियों को दी जा रही है. उद्योगपतियों को 100 रुपये से 180 रुपये फीट तक जमीन मुहैया कराई जा रही है.

उत्पादन शुरू करने दिया 3 साल का समय

कम कीमत और आसान किश्तों में जमीन मुहैया कराने के बाद सरकार उद्योगपतियों को अपने यूनिट से उत्पादन शुरू करने के लिए भी पर्याप्त समय दे रही है. सरकार 3 साल में उद्योगपतियों को जमीन पर उत्पादन शुरू करने का अवसर दे रही है. इस अवधि में उद्योगपति यदि उत्पादन शुरू कर देते हैं तो सरकार उन्हें और कई रियायतें मुहैया कराती है. उत्पादन शुरू नहीं होने पर सरकार जमीन वापस ले लेती है.

स्थानीय लोगों को रोजगार पर सब्सिडी

सरकार ने तय किया है कि निवेशक जिन इलाकों के इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी यूनिट लगाकर उत्पादन करती है और स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मुहैया कराती है तो निवेशकों को सरकार की तरफ से कई तरह की रियायत दी जाएंगी. उनकों करों में राहत के अलावा उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर जमीन मुहैया करायी जाएगी.

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एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के एमडी चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि "सरकार द्वारा बनाए गए इंडस्ट्रियल एरिया में निवेशकों को रिझाने जमीन आवंटन नीति और अन्य रियायतों के लिए नियम शिथिल किए गए हैं. निवेश के प्रति आकर्षण बनाने के लिहाज से ऐसा किया गया है. सरकार के सस्ती जमीन देने के इस नये प्लान में निवेशकों ने रूचि दिखाई है."

Last Updated : Sep 21, 2024, 9:46 PM IST
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