भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की काउंटिंग को लेकर कांग्रेस सतर्क है. वोटिंग में कई स्थानों पर धांधली को लेकर कांग्रेस ने शिकायतें दर्ज कराई हैं. वोटिंग के बाद कांग्रेस अब काउंटिंग को लेकर भी सतर्क हो गई है. प्रदेश की 29 सीटों पर जिला मुख्यालय स्तर पर 4 जून को काउंटिंग होगी. काउंटिंग के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए कांग्रेस काउंटिंग टेबलों पर रहने वाले एजेंटों को ट्रेनिंग देने जा रही है. यह ट्रेनिंग 25 जून को कराई जाएगी. ट्रेनिंग में एजेंटों को बताया जाएगा कि डाक मतपत्रों की गिनती किस तरह होगी.
चक्रवार रिजल्ट आने बाद ही आगे की काउंटिंग
एजेंटों को बताया जाएगा कि चक्रवार परिणाम के ऐलान के बाद ही आगे बढ़ा जाएगा. रिजल्ट की सत्यापित प्रति लेना और यदि कोई संदेह हो तो किस तरह से आपत्ति ले सकते हैं. इसके अलावा काउंटिंग को लेकर पार्टी दिशा-निर्देश भी तैयार करके देगी. कांग्रेस सभी जिलों में प्रभारी भी नियुक्त करेगा. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम भी बनाने जा रहा है, जहां जानेमाने अधिवक्ता और राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा के नेतृत्व में सीनियर वकीलों की टीम भी मौजूद रहेगी, जो जरूरत पड़ने पर विधिक राय देगी.
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने दी सलाह
कांग्रेस ने प्रदेश मुख्यालय पर सोमवार को समीक्षा बैठक की. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने काउंटिंग को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिया. कमलनाथ ने कहा "काउंटिंग के दिन सतर्कता बरती जाए. पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारी भोपाल में रहें और कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग करें." पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा "अब सभी काउंटिंग पर ध्यान दें और काउंटिंग एजेंटों की ट्रेनिंग कराई जाए."
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डाक मतपत्रों से शुरू होगी काउंटिंग
काउंटिंग की शुरूआत 4 जून को सुबह 8 बजे से होगी. सबसे पहले डाक मतपत्रों को गिना जाएगा. इसमें सेवा मतदाता, चुनाव कार्य में शामिल अन्य नागरिक, 80 साल से अधिक आयु और दिव्यांगों द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान शामिल होगा. इसके आधा घंटे बाद ईवीएम में वोटों की काउंटिंग शुरू होगी. जब तक डाक मतपत्रों की काउंटिंग पूरी नहीं हो जाती, तब तक ईवीएम के अंतिम राउंड की काउंटिंग शुरू नहीं होगी. हालांकि डाक मतपत्रों की गिनती सिर्फ 29 जिलों में ही होगी, जबकि ईवीएम की गिनती सभी जिला मुख्यालय पर होगी.