भोपाल। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में आधी आबादी की पूरी ताकत देखने को मिली. राज्य की 29 सीटों में से छह पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. निर्वाचित होने वाली सभी महिलाएं भारतीय जनता पार्टी की हैं.
एमपी की 6 सीटों पर महिलाओं का दबदबा
राज्य में लगभग डेढ़ दशक बाद यह अवसर आया है, जब 29 में से 6 महिलाएं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. इस बार भाजपा ने सागर से लता वानखेड़े, भिंड से संध्या राय, शहडोल से हिमाद्री सिंह, बालाघाट से भारती पारधी, धार से सावित्री ठाकुर और रतलाम से अनीता नागर सिंह चौहान को मैदान में उतारा था. इन सभी ने पार्टी की उम्मीदों के मुताबिक नतीजे दिए. बालाघाट ऐसा संसदीय क्षेत्र बना है. जहां पहली बार कोई महिला सांसद चुनी गई है. वहीं, सागर को 44 साल बाद महिला सांसद मिली है.
दो महिलाओं को दोबारा मौका, चार नए चेहरे
राज्य में हुए इससे पहले के चुनावों पर गौर करें तो वर्ष 2009 में भी छह महिला सांसद लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं. इनमें दो कांग्रेस की और चार भारतीय जनता पार्टी की थीं. इसके अलावा वर्ष 2004 के चुनाव में दो और 2014 के चुनाव में पांच महिलाएं जीती थीं. इसी तरह वर्ष 2019 के चुनाव में चार महिला सांसद थीं. वर्ष 2024 के चुनाव में भाजपा ने शहडोल से हिमाद्री सिंह और भिंड से संध्या राय को दोबारा मौका दिया. वहीं, चार नए महिला चेहरों को मैदान में उतारा. सभी छह सीटों पर परिणाम भाजपा के पक्ष में आए हैं.
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एमपी में बीजेपी ने किया क्लीन स्वीप
राज्य से निर्वाचित कई महिलाओं की राष्ट्रीय स्तर पर हनक रही है. इंदौर से लगातार आठ बार निर्वाचित होने वाली सुमित्रा महाजन लोकसभा की अध्यक्ष बनीं. वहीं, उमा भारती को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में स्थान मिला था. इसके अलावा प्रज्ञा ठाकुर भोपाल का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. इस बार भाजपा ने मध्य प्रदेश में इतिहास रचा है. पार्टी ने यहां की सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की. अब से लगभग छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल कर सरकार बनाई थी और अब लोकसभा के चुनाव में भी उसने क्लीन स्वीप किया है.