भोपाल: शराबबंदी के खिलाफ पूर्व सीएम उमा भारती का आंदोलन के ठंडा पड़ जाने के बाद अब उन्हीं के लोधी समाज ने अब शराबबंदी के लिए पूरे प्रदेश में बीड़ा उठाया है. किसी समाज का इस तरह से मैदान में आकर शराब बंदी के लिए संघर्ष का अपनी तरह का मामला है. लोधी समाज पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है. समाज की ओर से प्रशासन को ज्ञापन देने के साथ पूर्ण शराबंबदी के लिए सामाजिक पहल के साथ कई प्रयोग किए जा रहे हैं.
मिसाल के तौर पर बुंदेलखंड के गांव डूडा में शराब पीकर अगर कोई व्यक्ति गांव में एंट्री करता है, तो उस पर 11 हजार रुपए जुर्माना लगेगा. लोधी महसभा के प्रदेश अध्यक्ष महेश नरवरिया ने बताया कि 'लोधी समाज के बाहुल्य वाले एमपी में 40 जिले हैं. अब समाज के बाहुल्य वाले बाकी गांवों में भी शराब पीकर आने वाले की एंट्री पर इसी तरह जुर्माना लगेगा. प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के लिए हम चक्काजाम भी करेंगे. महिलाएं शराब की दुकानों के सामने धरना भी देंगी.
शराबबंदी के लिए सड़क पर समाज
शुरुआत भले उमा भारती ने की हो, लेकिन शराबबंदी पर उनका आंदोलन ठप पड़ जाने के बाद अब उनका समाज मैदान में आया है. एमपी में शराबबंदी के मुद्दे पर किसी समाज का अपनी तरह का पहला आंदोलन होगा. लोधी समाज के प्रदेश अध्यक्ष महेश नरवरिया कहते हैं, 'शुरुआत में हमने सरकार से पूर्ण शराबबंदी की मांग की, लेकिन हम इतने पर रुकने वाले नहीं है. शराबबंदी के लिए ये लड़ाई अब समाज पूरे प्रदेश में लड़ेगा और प्रयास ये होगा कि सारे समाजों का हमें साथ मिले.
हम गांव से शुरुआत कर रहे हैं. अब गांव में शराबी की एंट्री पर जुर्माना लगाया जाएगा. हमारे आंदोलन को महिलाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है. अगले चरण में महिलाएं अब शराब की दुकानों पर धरना देंगी. इसके बाद इसी मुद्दे पर पूरे प्रदेश में चक्काजाम भी होगा.
समाज ने दिए आंकड़े शराबबंदी बढ़े अपराध
समाज ने मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर जो तथ्य रखे हैं. उसमें कहा है कि वर्ष 2023 में प्रदेश में 77 हजार 407 सड़क हादसे हुए. जबकि 2024 की पहली छमाही में ही 88 हजार 255 सड़क हादसे हो चुके हैं. इन दुर्घटनाओं में से ज्यादातर में वजह शराब भी है. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महेश नरवरिया कहते हैं 'बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में एमपी देश में दूसरे नंबर पर है. क्या उसमें शराब की भूमिका नहीं है. फिर क्या वजह है सरकार शराबबंदी नहीं कर पा रही है.'
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एमपी में लोधी समाज का कितना प्रभाव
महेश नरवरिया के मुताबिक एमपी के चालीस जिले ऐसे हैं जहां पर लोधी लोधा लोध समाज का प्रभाव है. इनमें ज्यादातर जिले बुंदेलखंड के अलावा ग्वालियर चंबल और मालवा निमाड़ के भी हैं. वे कहते हैं सबसे बड़ी बात है कि समाज के इस आंदोलन को महिलाओँ का व्यापक समर्थन मिल रहा है. उन्होने कहा कि पहले चरण में हम हर जिलामुख्यालय पर शराबबंदी को लेकर ज्ञापन सौंप रहे हैं अब इसके बाद अगले चरण में हम सड़कों पर आंदोलन छेड़ेंगें