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हड़ताल के मूड में MP के जूनियर डॉक्टर्स, स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर दिया सांकेतिक धरना

MP Junior Doctor Strike: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल का सिलसिला शुरु हो गया. एमपी के कई मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. मांग नहीं मानने पर सभी जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी है.

mp junior doctors strike
हड़ताल के मूड में एमपी के जूनियर डॉक्टर्स
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 13, 2024, 3:08 PM IST

हड़ताल के मूड में एमपी के जूनियर डॉक्टर्स

भोपाल। राजधानी में बुधवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर जो कि 9 मार्च से हाथ में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे. उन्होंने आज दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की है. वह आज 10 बजे से 12 बजे तक हड़ताल में रहे स्टाइपेंड बढ़ाने की माग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कर रहे है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 'यदि उनकी मांग पर सुनवाई नहीं हुई तो वह गुरुवार से वह पूरी तरह से काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे और भोपाल सहित प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी उनके साथ शामिल हो जाएंगे.

हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर

राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टर फिर से एक बार हड़ताल पर जाने के मूड में हैं. बुधवार को जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी को छोड़ कर 10 बजे से 12 बजे तक सांकेतिक हड़ताल की थी. जिसके बाद वह काम पर लौट गए. दरअसल, इस पूरे मामले के पीछे जो वजह जूनियर डॉक्टरों ने बताई है वह उनको मिलने वाला स्टाइपेंड है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 'मध्य प्रदेश में जो नोटिस निकला था. साल 2021 में उसमें यह निर्देश थे कि हर साल अप्रैल में हमें मिलने वाला मासिक स्टाइपेंड हर साल बढ़ाया जाएगा, जोकि 2021 में 2022 जून में बढ़ाया गया, लेकिन उसके बाद नहीं बढ़ा है. अन्य प्रदेशों में मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस भी कम है. जबकि मध्य प्रदेश में ट्यूशन फीस भी ज्यादा है.

जूनियर डॉक्टर ने बताया कि राजस्थान में 1 साल की ट्यूशन फीस 60 हजार है. जबकि भोपाल के मेडिकल कॉलेज में उन्हें ये फीस लगभग 1 लाख रुपए चुकानी पड़ती है. ऐसे में हर साल बढ़ाया जाने वाला स्टाइपेंट भी नहीं बढ़ाया जा रहा है. जिसके चलते हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.'

यहां पढ़ें...

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल-नीट काउंसलिंग की मांग, प्रदर्शन के दौरान ब्लड डोनेशन

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इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं होगी बंद

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 'अभी पिछले कई दिनों से हम हाथ में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन यदि अब हमारी मांग नहीं सुनी जाती है, तो हम गुरुवार से इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर बाकी सेवाएं रोक देंगे. जूनियर डॉक्टर नहीं चाहते कि उनकी हड़ताल की वजह से किसी मरीज को कोई नुकसान हो. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल के बाद भी यदि सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो इमरजेंसी छोड़कर सभी काम बंद कर दिए जाएंगे. भोपाल ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, सागर, रीवा, मेडिकल कॉलेज के छात्र भी इस विरोध प्रदर्शन में उनके साथ रहेंगे.

हड़ताल के मूड में एमपी के जूनियर डॉक्टर्स

भोपाल। राजधानी में बुधवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर जो कि 9 मार्च से हाथ में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे. उन्होंने आज दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की है. वह आज 10 बजे से 12 बजे तक हड़ताल में रहे स्टाइपेंड बढ़ाने की माग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कर रहे है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 'यदि उनकी मांग पर सुनवाई नहीं हुई तो वह गुरुवार से वह पूरी तरह से काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे और भोपाल सहित प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी उनके साथ शामिल हो जाएंगे.

हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर

राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टर फिर से एक बार हड़ताल पर जाने के मूड में हैं. बुधवार को जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी को छोड़ कर 10 बजे से 12 बजे तक सांकेतिक हड़ताल की थी. जिसके बाद वह काम पर लौट गए. दरअसल, इस पूरे मामले के पीछे जो वजह जूनियर डॉक्टरों ने बताई है वह उनको मिलने वाला स्टाइपेंड है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 'मध्य प्रदेश में जो नोटिस निकला था. साल 2021 में उसमें यह निर्देश थे कि हर साल अप्रैल में हमें मिलने वाला मासिक स्टाइपेंड हर साल बढ़ाया जाएगा, जोकि 2021 में 2022 जून में बढ़ाया गया, लेकिन उसके बाद नहीं बढ़ा है. अन्य प्रदेशों में मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस भी कम है. जबकि मध्य प्रदेश में ट्यूशन फीस भी ज्यादा है.

जूनियर डॉक्टर ने बताया कि राजस्थान में 1 साल की ट्यूशन फीस 60 हजार है. जबकि भोपाल के मेडिकल कॉलेज में उन्हें ये फीस लगभग 1 लाख रुपए चुकानी पड़ती है. ऐसे में हर साल बढ़ाया जाने वाला स्टाइपेंट भी नहीं बढ़ाया जा रहा है. जिसके चलते हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.'

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इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं होगी बंद

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 'अभी पिछले कई दिनों से हम हाथ में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन यदि अब हमारी मांग नहीं सुनी जाती है, तो हम गुरुवार से इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर बाकी सेवाएं रोक देंगे. जूनियर डॉक्टर नहीं चाहते कि उनकी हड़ताल की वजह से किसी मरीज को कोई नुकसान हो. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल के बाद भी यदि सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो इमरजेंसी छोड़कर सभी काम बंद कर दिए जाएंगे. भोपाल ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, सागर, रीवा, मेडिकल कॉलेज के छात्र भी इस विरोध प्रदर्शन में उनके साथ रहेंगे.

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