ETV Bharat / state

भोपाल में सीवेज का पानी घरों में घुसा, बीमार फैलने का डर, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट - MP Human Rights Commission

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 10:56 AM IST

भोपाल में सीवेज का पानी बारिश के दौरान घरों में घुस रहा है. इससे बीमारी फैलने का खतरा है. इस मामले को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने नगर निगम कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही इंदौर के अनाथ आश्रम में हुई बच्चों की मौतों को लेकर भी आयोग सख्त है.

MP Human Rights Commission
भोपाल में सीवेज का पानी घरों में घुसा, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट (ETV BHARAT)

भोपाल। भोपाल शहर के वार्ड नंबर-78 स्थित कॉलोनियों में 4 साल से सीवेज लाइन चोक पड़ी है. इसलिए पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में भर रहा है. पानी की निकासी के भी कोई इंतजाम नहीं हैं. गंदगी और बदबू की वजह से घरों में रहना दूभर हो गया है. ऐसे पानी भरे रास्ते से कौन आवाजाही कर सकता है. रात में तो कोई घर से निकलता तक नहीं है. बारिश भी शुरू हो गई है और अब यह गंदा पानी लोगों के घरों में भी घुसेगा. इस मामले को संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नगर निगम आयुक्त से 3 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.

ग्वालियर में सड़कों पर गड्डे, हादसे बढ़े

ग्वालियर में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश की वजह से सड़कों की हालत बहुत खराब हो गई है. इसकी वजह से सड़कों के गड्ढे नजर नहीं आते हैं, जोकि अब हादसों का कारण बनते जा रहे हैं. इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर व आयुक्त नगर निगम प्रतिवेदन 3 सप्ताह में मांगा है. उधर, बुरहानपुर जिले में ताप्ती नदी वर्षों से उपेक्षित है. इसमें शहर के सीवरेज सहित कारखानों का पानी सीधे मिल रहा है. रोजाना 10 से 12 एमएलडी गंदा पानी नदी में जा रहा है. जिले में बीते बुधवार से जलस्त्रोतों के संरक्षण का अभियान शुरू हुआ है. लेकिन इसमें भी ताप्ती नदी के शुद्धिकरण के लिए कोई प्रयास नहीं है. आयोग ने कलेक्टर एवं जिला प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

कलेक्टर श्योपुर से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी

श्योपुर जिले में अलसुबह कलेक्टर बंगले पर पहुंचे कनापुर गांव के लोगों ने बंगले के बाहर धरना दिया. ग्रामीण कलेक्टर से मिलना चाहते थे पर कर्मचारियों ने उन्हें मिलने देने के बजाय उनकी समस्या कलेक्टर तक पहुंचा दी. ग्रामीणों ने बताया कि आम रास्ते में गांव के दबंगों ने मिट्टी डालकर रास्ता बंद कर दिया है. रास्ता बंद करने से आवागमन बंद होने के साथ पानी की निकासी भी बंद हो गई है. इससे बारिश के कारण पूरी बस्ती में पानी भर गया तथा जनजीवन अस्तव्यस्त हो रहा है. आयोग ने कलेक्टर श्योपुर से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है.

ALSO READ :

भोपाल में खंडहर में नाबालिग से दुष्कर्म की वारदात पर मानवाधिकार आयोग सख्त, पुलिस कमिश्नर को नोटिस

एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल शिक्षकविहीन, मानवाधिकार आयोग ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब

मासूम का शव कांधे पर लेकर भटकते रहे पैरेंट्स

उज्जैन जिले में ग्राम गोगापुर में शुगर मिल में मजदूरी करने वाला युवक ने अपने एक साल के बीमार बेटे को महिदपुर रोड के सरकारी अस्पताल में दिखाया. जहां से उसे महिदपुर के सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए बोला गया. मजदूर धनराज और पत्नी बच्चे को महिदपुर लेकर पहुंचे, तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. लचर सिस्टम के कारण बच्चे के शव को माता-पिता कांधे पर उठाए बस स्टैंड पर भटकते रहे. इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ उज्जैन से मामले की जांच कराकर की गई प्रतिवेदन 3 सप्ताह में मांगा है.

भोपाल। भोपाल शहर के वार्ड नंबर-78 स्थित कॉलोनियों में 4 साल से सीवेज लाइन चोक पड़ी है. इसलिए पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में भर रहा है. पानी की निकासी के भी कोई इंतजाम नहीं हैं. गंदगी और बदबू की वजह से घरों में रहना दूभर हो गया है. ऐसे पानी भरे रास्ते से कौन आवाजाही कर सकता है. रात में तो कोई घर से निकलता तक नहीं है. बारिश भी शुरू हो गई है और अब यह गंदा पानी लोगों के घरों में भी घुसेगा. इस मामले को संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नगर निगम आयुक्त से 3 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.

ग्वालियर में सड़कों पर गड्डे, हादसे बढ़े

ग्वालियर में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश की वजह से सड़कों की हालत बहुत खराब हो गई है. इसकी वजह से सड़कों के गड्ढे नजर नहीं आते हैं, जोकि अब हादसों का कारण बनते जा रहे हैं. इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर व आयुक्त नगर निगम प्रतिवेदन 3 सप्ताह में मांगा है. उधर, बुरहानपुर जिले में ताप्ती नदी वर्षों से उपेक्षित है. इसमें शहर के सीवरेज सहित कारखानों का पानी सीधे मिल रहा है. रोजाना 10 से 12 एमएलडी गंदा पानी नदी में जा रहा है. जिले में बीते बुधवार से जलस्त्रोतों के संरक्षण का अभियान शुरू हुआ है. लेकिन इसमें भी ताप्ती नदी के शुद्धिकरण के लिए कोई प्रयास नहीं है. आयोग ने कलेक्टर एवं जिला प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

कलेक्टर श्योपुर से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी

श्योपुर जिले में अलसुबह कलेक्टर बंगले पर पहुंचे कनापुर गांव के लोगों ने बंगले के बाहर धरना दिया. ग्रामीण कलेक्टर से मिलना चाहते थे पर कर्मचारियों ने उन्हें मिलने देने के बजाय उनकी समस्या कलेक्टर तक पहुंचा दी. ग्रामीणों ने बताया कि आम रास्ते में गांव के दबंगों ने मिट्टी डालकर रास्ता बंद कर दिया है. रास्ता बंद करने से आवागमन बंद होने के साथ पानी की निकासी भी बंद हो गई है. इससे बारिश के कारण पूरी बस्ती में पानी भर गया तथा जनजीवन अस्तव्यस्त हो रहा है. आयोग ने कलेक्टर श्योपुर से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है.

ALSO READ :

भोपाल में खंडहर में नाबालिग से दुष्कर्म की वारदात पर मानवाधिकार आयोग सख्त, पुलिस कमिश्नर को नोटिस

एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल शिक्षकविहीन, मानवाधिकार आयोग ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब

मासूम का शव कांधे पर लेकर भटकते रहे पैरेंट्स

उज्जैन जिले में ग्राम गोगापुर में शुगर मिल में मजदूरी करने वाला युवक ने अपने एक साल के बीमार बेटे को महिदपुर रोड के सरकारी अस्पताल में दिखाया. जहां से उसे महिदपुर के सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए बोला गया. मजदूर धनराज और पत्नी बच्चे को महिदपुर लेकर पहुंचे, तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. लचर सिस्टम के कारण बच्चे के शव को माता-पिता कांधे पर उठाए बस स्टैंड पर भटकते रहे. इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ उज्जैन से मामले की जांच कराकर की गई प्रतिवेदन 3 सप्ताह में मांगा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.