जबलपुर। सिविल जज जूनियर डिवीजन की मुख्य परीक्षा में विकलांग वर्ग को किसी प्रकार का आरक्षण नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने शारीरिक रूप से विकलांग अभ्यर्थियों को राहत प्रदान की है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्रारंभिक परीक्षा में निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाये.
विकलांग वर्ग के लिए अलग श्रेणी क्यों नहीं बनाई
होशंगाबाद निवासी अधिवक्ता अंतरा सिसोदिया सहित अन्य चार विकलांग अधिवक्ताओं की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सिविल जज जूनियर डिवीजन (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 में विकलांग वर्ग के लिए कोई श्रेणी निर्धारित नहीं की गयी है. उन्हें सामान्य व अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है. विकलांग अभ्यर्थियों को प्रारंभिक चरण से आरक्षण देने का प्रावधान है. मुख्य परीक्षा में विकलांग अभ्यर्थियों को अवसर दिया जाना चाहिए था.
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मुख्य परीक्षा के लिए विकलांग वर्ग की अलग सूची क्यों नहीं
याचिका में बताया गया कि मुख्य परीक्षा के लिए विकलांग वर्ग की अलग से सूची तैयार नहीं की गयी है. युगलपीठ ने पाया कि मुख्य परीक्षा का आयोजन 30 व 31 मार्च को होना है. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता सभी विकलांग अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करते हुए अपने आदेश मे कहा है कि जिन्होंने निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त किये हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाये. युगलपीठ ने आवेदकों को जवाब पेश करने निर्देश जारी करते हुए कहा कि परीक्षा के परिणाम अंतिम आदेश के अधीन होगे