जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति पर वैवाहिक पत्नी का हक है. जस्टिस विवेक जैन ने मृतक कर्मचारी की ग्रेच्युटी व बीमा राशि से 50 प्रतिशत राशि मृतक की मां को देने के आदेश जारी किया है. मामले के अनुसार शहडोल निवासी निर्मला पांडे, उसकी सास कमला पांडे व देवर की तरफ से दो याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गयी थीं.
कलेक्टर के आदेश पर पत्नी को मिली अनुकंपा नियुक्ति
याचिकाकर्ता निर्मला पांडे ने कहा था कि उसका विवाह दिसंबर 2020 में जितेन्द्र पांडे के साथ हुआ था. उसके पति पुलिस विभाग में आरक्षक थे. पति की मृत्यु सड़क दुर्घटना में जुलाई 2021 में हो गयी थी. इसके बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया. जिला कलेक्टर ने भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए उसके पक्ष में सर्टिफिकेट जारी कर दिया था. उसे पुलिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गयी थी. वहीं, पति के सर्विस रिकॉर्ड में नॉमिनी के रूप में मां तथा भाई का नाम दर्ज था. इस कारण बाद में कलेक्टर ने जारी सर्टिफिकेट को निरस्त कर दिया.
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मां के विरोध करने पर अनुकंपा नियुक्त रद्द
इसके बाद महिला को नौकरी से हटा दिया गया. सास कमला बाई ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पति पुलिस विभाग में पदस्थ थे, जिनकी मौत साल 2007 में हो गयी थी. इसके बाद उसके बेटे जितेन्द्र को साल 2011 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. बेटे की मौत के बाद बहू को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गयी. जिसके लिए परिजनों की सहमति नहीं ली गयी. दोनों याचिकाओं का निराकरण करते हुए एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि मां तथा पत्नी परिवार की सदस्य हैं. लेकिन अनुकंपा नियुक्ति का हक पत्नी का है.