जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई जारी है. सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से एक्ट के परिपालन के संबंध में अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की गई. हाईकोर्ट जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ कागजी कार्रवाई से काम नहीं चलेगा. युगलपीठ ने पुनः रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी करते हुए सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की है.
दोपहिया वाहन चालकों के हेलमेट लगाना आवश्यक
गौरतलब है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर याचिका को सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित किया गया. याचिका में कहा गया है कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है.
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हाई कोर्ट ने लगाया था राज्य सरकार पर 25 हजार जुर्माना
चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश कुमार तोमर ने बताया कि सोमवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने सरकार की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई.