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मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं, एमपी हाईकोर्ट ने दी सरकार को एक सप्ताह की मोहलत - MP High Court

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए एक सप्ताह की मोहलत दी है. अगली सुनवाई 1 मई को होगी.

MP High Court
मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 1:33 PM IST

जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैम्बर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव से दो श्रमिकों की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे. संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. सीवर चैम्बर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गये. बचाव के प्रयास के बावजूद मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गयी. इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं.

ग्वालियर चैंबर हादसे में दो श्रमिकों की मौत का मामला

याचिका में कहा गया कि गरीब श्रमिकों को गटर या सीवर लाइन में प्रवेश करने के लिए भेजते समय उचित उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते. इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि ऐसे कार्यकर्ता समाज के निचले तबके से आते हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता आकाश चौधरी की तरफ से युगलपीठ को बताया गया था कि मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत सरकार को विभिन्न कमेटी का गठन करना था. एक्ट के परिपालन के लिए कमेटी की समय-समय पर बैठक का आयोजित होनी थी. युगलपीठ ने पाया कि कुछ ही कमेटी का गठन किया गया है.

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एमपी हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा हलफनामा

युगलपीठ ने याचिका में राज्य मानव अधिकार आयोग को अनावेदक बनाते हुए ऐसे कितने मामलों में उनकी तरफ से संज्ञान लिया गया है, इस संबंध में हलफनामा पेश करने निर्देश जारी किये थे. याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर आयोग के रजिस्ट्रार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए. उन्होंने युगलपीठ को बताया था कि विगत 6 माह से आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त है. युगलपीठ ने आयोग के अध्यक्ष पद रिक्त होने के संबंध में सरकार से हलफनामा मांगा था. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है.

जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैम्बर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव से दो श्रमिकों की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे. संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. सीवर चैम्बर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गये. बचाव के प्रयास के बावजूद मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गयी. इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं.

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