जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थियों का अनारक्षित वर्ग में चयन नहीं किये जाने पर जवाब तलब किया है. जस्टिस जस्टिस संजय द्विवेदी व जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठों ने तीन अलग-अलग याचिकाओं पर स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव व आयुक्त लोक शिक्षण को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.
ओबीसी के हजारों अभ्यार्थियों को होल्ड किया
ये मामले जबलपुर निवासी अंकिता पटेल, दतिया निवासी श्रीराम झा, मंदसौर की सुधा चौधरी समेत करीब 150 उम्मीदवारों की ओर से दायर किये गये हैं. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न भर्तियों में ओबीसी के हजारों अभ्यार्थियों को होल्ड किया गया है. इससे उनका भविष्य दांव पर लगा हुआ है. प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में भी ओबीसी के एक हजार से अधिक अभ्यर्थियों को होल्ड कर दिया गया है.
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अनारक्षित वर्ग से अधिक अंक पाने के बाद भी नियुक्ति नहीं
आवेदकों की ओर से बताया गया कि इन अभ्यर्थियों से कम अंक पाने वालों को नियुक्ति दे दी गई है. इतना ही नहीं अनारक्षित वर्ग से अधिक अंक प्राप्त करने वाले ओबीसी के सैकड़ों अभ्यर्थी भी परेशान हैं. इनका अनारक्षित वर्ग में चयन नहीं किया गया. नियमानुसार यह गलत है और इसमें आयुक्त डीपीआई ने गंभीर त्रुटि की है. याचिका में बताया गया कि प्राथमिक शिक्षकों के 56 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, फिर भी ओबीसी वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों को महाधिवक्ता के गलत अभिमत के कारण होल्ड कर दिया गया है.