जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने भारतीय जनता पार्टी की खंडवा विधायक कंचन तनवे पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि एक सप्ताह के भीतर हाई कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. यह मामला विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पराजित प्रत्याशी कुंदल मालवीय की चुनाव याचिका से संबंधित है. याचिका में भाजपा विधायक तनवे के जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी का हवाला दिया गया है.
कोर्ट के निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया
याचिका में जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी देने को आधार बनाया गया. साथ ही निर्वाचन निरस्त कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की गई. मंगलवार को सुनवाई के दौरान विधायक तनवे को हाजिर होना था, लेकिन वे हाजिर नहीं हुईं. लिहाजा, हाई कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए जुर्माना लगाया. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि भाजपा विधायक तनवे पर दो आधारों पर जुर्माना किया गया है. पहला यह कि उन्होंने कोर्ट की सुनवाई को लंबित रखने टालमटोली का रवैया अपनाया.
बीजेपी विधायक द्वारा गलत बयानबाजी पर कोर्ट सख्त
कोर्ट ने कहा "सबसे गंभीर बात ये कि बीजेपी विधायक ने कोर्ट को गुमराह करते हुए समय पर नोटिस न मिलने की गलतबयानी की. यही नहीं कोर्ट पर एकपक्षीय आदेश पारित करने का मिथ्या दोषारोपण तक कर दिया. उनका कुतर्क यह रहा कि 23 अप्रैल, 2024 को हाई कोर्ट द्वारा जारी नोटिस उन्हें 8 मई को प्राप्त हुआ, जबकि इससे पूर्व ही 6 मई को हाई कोर्ट ने 13 मई को हाजिर होने का एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया. वास्तविकता यह है कि भाजपा विधायक को हाई कोर्ट से भेजा गया नोटिस 27 अप्रैल को ही प्राप्त हो गया था, जो उनके नजदीकी से हस्तगत किया था."