जबलपुर। मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट तथा हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता सुनिश्चित करने के संबंध मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने बैठक में निर्धारित की गयी रणनीति के संबंध रिपोर्ट दो दिन में पेश करने के आदेश जारी किए हैं.
याचिका में ये हवाला दिया
बता दें कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं.
कोर्ट ने दिया था ये आदेश
मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे.
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कास्ट लगा चुका है हाई कोर्ट
आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. सरकार के आग्रह पर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता का परिपालन के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था. याचिका पर अगली सुनवाई 8 फरवरी को निर्धारित की गई है.