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भाई को देना है किडनी, NOC पर पति नहीं कर रहा हस्ताक्षर, महिला को एमपी हाईकोर्ट से मिली राहत - MP HC permission kidney transplant

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 4:03 PM IST

अपने भाई की जान बचाने के लिए महिला किडनी देने के लिए तैयार है लेकिन उसका पति इसके लिए राजी नहीं है. परेशान होकर महिला ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने महिला को राहत देते हुए आदेश जारी किया.

MP high court give relief to woman
किडनी प्रत्यारोपण के लिए हाईकोर्ट ने दी महिला को अनुमति

जबलपुर। भाई का जीवन बचाने के लिए किडनी दान करने की अनुमति के लिए महिला ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की शरण ली. महिला ने याचिका में बताया कि मेडिकल जांच में वह किडनी दान करने के लिए उपयुक्त है. लेकिन पति द्वारा एनओसी पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण सक्षम प्राधिकरण समिति अनुमति प्रदान नहीं कर रही है. इस मामले में याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विनय सराफ ने अपने आदेश में कहा है कि पति के स्थान पर महिला का कोई करीबी रिश्तेदार हस्ताक्षर कर सकता है.

बंसल हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज

राजगढ़ निवासी अन्नू बाई की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि उसका 63 वर्षीय भाई अशोक पवार किडनी की बीमारी से ग्रस्त है. उसकी बीमारी 5वें स्टेज तक पहुंच गयी है. डॉक्टरों ने किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी है. भाई का इलाज भोपाल स्थित बंसल हॉस्पिटल में चल रहा है. महिला ने बताया कि मेडिकल जांच में वह किडनी दान करने के लिए फिट पाई गई है. परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उसे भाई को किडनी दान करने के लिए सहमति प्रदान कर दी है.

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पति-पत्नी के रूप में लंबे समय तक साथ रहें और शादी न भी करें, तब भी महिला भरण-पोषण की हकदार

जिंदगी बचाने के लिए किडनी प्रत्यारोपण आवश्यक

महिला ने कोर्ट को बताया कि उसके भाई की हालत गंभीर है. इसके बाद भी उसका पति किडनी दान के लिए एनओसी पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा है. इस कारण सक्षम प्राधिकरण समिति से अनुमति प्रदान नहीं हो पा रही है. इसी वजह से जिसके कारण बंसल हॉस्पिटल किडनी प्रत्यारोपण के लिए ऑपरेशन नहीं कर रहा है. याचिका में कहा गया था कि उसके भाई की जिन्दगी के लिए किडनी प्रत्यारोपण शीघ्र करना आवश्यक है. एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारण नियम 2014 में दिये गये प्रावधानों का उल्लेख करते हुए महिला को राहत देते हुए आदेश जारी किया.

जबलपुर। भाई का जीवन बचाने के लिए किडनी दान करने की अनुमति के लिए महिला ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की शरण ली. महिला ने याचिका में बताया कि मेडिकल जांच में वह किडनी दान करने के लिए उपयुक्त है. लेकिन पति द्वारा एनओसी पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण सक्षम प्राधिकरण समिति अनुमति प्रदान नहीं कर रही है. इस मामले में याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विनय सराफ ने अपने आदेश में कहा है कि पति के स्थान पर महिला का कोई करीबी रिश्तेदार हस्ताक्षर कर सकता है.

बंसल हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज

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महिला ने कोर्ट को बताया कि उसके भाई की हालत गंभीर है. इसके बाद भी उसका पति किडनी दान के लिए एनओसी पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा है. इस कारण सक्षम प्राधिकरण समिति से अनुमति प्रदान नहीं हो पा रही है. इसी वजह से जिसके कारण बंसल हॉस्पिटल किडनी प्रत्यारोपण के लिए ऑपरेशन नहीं कर रहा है. याचिका में कहा गया था कि उसके भाई की जिन्दगी के लिए किडनी प्रत्यारोपण शीघ्र करना आवश्यक है. एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारण नियम 2014 में दिये गये प्रावधानों का उल्लेख करते हुए महिला को राहत देते हुए आदेश जारी किया.

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