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हजारों देने के बाद मोहन सरकार वसूलेगी लाखों, एक गलती का खामियाजा उठाएंगे वन विभाग के कर्मचारी - MP Govt Cut Employee Salary

मध्य प्रदेश में वन विभाग की एक गलती का खामियाजा विभाग के कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा. दरअसल वेतन गणना में गड़बड़ी के चलते अब मोहन यादव सरकार कर्मचारियों की सैलरी पर कैंची चलाने जा रही है. इसको लेकर वित्त विभाग ने मुख्य वन सरंक्षक और वन संरक्षकों को पत्र जारी कर दिया है.

MP GOVT CUT EMPLOYEE SALARY
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी में होगी कटौती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 3, 2024, 6:09 PM IST

भोपाल: दीपावली के पहले मध्यप्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों के वेतन में बड़ी कटौती करने जा रही है. यह कटौती मध्यप्रदेश के वन विभाग के कर्मचारियों से की जाएगी. इस संबंध में वन मुख्यालय ने प्रदेश के सभी मुख्य वन सरंक्षक और वन संरक्षकों को पत्र जारी कर दिया है. विभाग ने इन अधिकारियों से 1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 के बीच नियुक्त हुए सभी वनसंरक्षकों की सूची मांगी है. इन वन कर्मचारी अधिकारियों पर संकट आने वाला हैं. राज्य सरकार वन संरक्षकों की सैलरी से पैसे काटकर 165 करोड़ रुपए की वसूली करने जा रही है.

इसलिए काटी जाएगी सैलरी
दरअसल, सैलरी में कटौती किए जाने की वजह वित्त विभाग के एक आदेश के बाद पैदा हुई है. वन विभाग में 1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 के बीच प्रदेश में करीबन 6 हजार से ज्यादा वन संरक्षकों की भर्ती हुई है. वनरक्षकों की भर्ती चतुर्थ श्रेणी में वेतन बैंड 2750 और ग्रेड पे 1800 पर होती थी. प्रमोशन पर 3050 वेतन बैंड और 1900 ग्रेड पे कर दिया जाता था. साल 2006 में प्रदेश में छठवां वेतनमान लागू होने के बाद वनरक्षकों को वेतन बैंड 5680 और ग्रेड पे 1900 कर दिया गया. वित्त विभाग का कहना है कि इनके वेतन की गणना गलत तरीके से हुई है. नियम के मुताबिक, 5200 का वेतन बैंड दिया जाना था. वित्त विभाग ने इस मामले पर गंभीर आपत्ति जताई है और वन विभाग को वन संरक्षकों से वसूली के आदेश दिए हैं.

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कर्मचारी संघ अब कोर्ट जाने की तैयारी में
उधर कर्मचारियों से वसूली के आदेश जारी होने के बाद वन विभाग कर्मचारी संघ अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है. कर्मचारी संघ के मुताबिक ''वन विभाग के अधिकारियों ने वेतन की गणना गलत तरीके से की है. इसका खामियाजा वन विभाग के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.''

भोपाल: दीपावली के पहले मध्यप्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों के वेतन में बड़ी कटौती करने जा रही है. यह कटौती मध्यप्रदेश के वन विभाग के कर्मचारियों से की जाएगी. इस संबंध में वन मुख्यालय ने प्रदेश के सभी मुख्य वन सरंक्षक और वन संरक्षकों को पत्र जारी कर दिया है. विभाग ने इन अधिकारियों से 1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 के बीच नियुक्त हुए सभी वनसंरक्षकों की सूची मांगी है. इन वन कर्मचारी अधिकारियों पर संकट आने वाला हैं. राज्य सरकार वन संरक्षकों की सैलरी से पैसे काटकर 165 करोड़ रुपए की वसूली करने जा रही है.

इसलिए काटी जाएगी सैलरी
दरअसल, सैलरी में कटौती किए जाने की वजह वित्त विभाग के एक आदेश के बाद पैदा हुई है. वन विभाग में 1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 के बीच प्रदेश में करीबन 6 हजार से ज्यादा वन संरक्षकों की भर्ती हुई है. वनरक्षकों की भर्ती चतुर्थ श्रेणी में वेतन बैंड 2750 और ग्रेड पे 1800 पर होती थी. प्रमोशन पर 3050 वेतन बैंड और 1900 ग्रेड पे कर दिया जाता था. साल 2006 में प्रदेश में छठवां वेतनमान लागू होने के बाद वनरक्षकों को वेतन बैंड 5680 और ग्रेड पे 1900 कर दिया गया. वित्त विभाग का कहना है कि इनके वेतन की गणना गलत तरीके से हुई है. नियम के मुताबिक, 5200 का वेतन बैंड दिया जाना था. वित्त विभाग ने इस मामले पर गंभीर आपत्ति जताई है और वन विभाग को वन संरक्षकों से वसूली के आदेश दिए हैं.

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उधर कर्मचारियों से वसूली के आदेश जारी होने के बाद वन विभाग कर्मचारी संघ अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है. कर्मचारी संघ के मुताबिक ''वन विभाग के अधिकारियों ने वेतन की गणना गलत तरीके से की है. इसका खामियाजा वन विभाग के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.''

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