भोपाल। पहले चरण में मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान में कमी की मुख्य वजह शादी का सीजन और गर्मी को माना गया है. इन कारणों ने बीजेपी-कांग्रेस की चिंता दूसरे चरण के मतदान को लेकर और बढ़ा दी है. दूसरे चरण में प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान 26 अप्रैल को होना है और 26 अप्रैल को ही शादी-ब्याह का आखिरी मुहूर्त भी है. हालांकि दूसरे चरण के लिए बीजेपी-कांग्रेस के अलावा चुनाव आयोग ने भी मतदान बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है. जिला निर्वाचन पदाधिकारियों द्वारा दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए गए श्रमिकों को वोटिंग के लिए वापस बुलाया जा रहा है.
26 को वोटिंग और इसी दिन शादी का आखिरी मुहूर्त
पहले चरण में मतदान प्रतिशत गिरने की दो मुख्य वजह सामने आ रही हैं. पहला शादी का सीजन और दूसरा गर्मी. चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होना है, लेकिन इस दिन शादी का आखिरी मुहूर्त भी है. इसको देखते हुए अधिकारियों द्वारा मतदान को लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिशें तेज कर दी गई है. मतदाताओं से शादी समारोह के साथ वोटिंग में हिस्सा लेने की अपील की जा रही है. हालांकि टीकमगढ़ कलेक्टर अवधेश शर्मा कहते हैं कि 'शादी का सीजन होने से एक फायदा भी हुआ है. जिले के कई किसान बाहर मजदूरी के लिए जाते हैं, वे अभी वापस लौटकर आए हैं. इसको देखते हुए ऐसे सभी श्रमिकों से संपर्क कर उनसे वोट की अपील की जा रही है.'
बुंदेलखंड क्षेत्र के टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह क्षेत्र से सबसे ज्यादा श्रमिक दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए जाते हैं. इसको देखते हुए संबंधित जिले के जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पंचायतों के माध्यम से इन श्रमिकों को वापस बुलाया जा रहा है, ताकि यह वोट डाल सकें. पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार के मुताबिक क्षेत्र में करीब 6 हजार श्रमिक बाहर हैं. जिन्हें बुलाने के लिए उनके रिश्तेदारों की मदद ली जा रही है.
मुख्यमंत्री बोले शादी के सीजन, गर्मी से घटा मतदान
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान में पिछले चुनाव के मुकाबले 8.16 फीसदी की कमी आई है. हालांकि मतदान प्रतिशत कम होने से बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही चिंतित है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कहते हैं कि 'पिछली बार के चुनाव मई में हुए थे, जबकि इस बार अप्रैल में हो रहे हैं. अभी शादी का सीजन चल रहा है, साथ कि किसान फसलों में और अन्य तरह के कार्यक्रम में भी व्यस्त है. यही वजह है कि मतदान प्रतिशत कम हुआ है. मुख्यमंत्री कहते हैं कि सीधी लोकसभा सीट पर बीजेपी की विधानसभा में 6 से 8 फीसदी वोटिंग कम हुई, जबकि चुरहट में 15 फीसदी से ज्यादा वोटिंग कम हुई. मुख्यमंत्री के मुताबिक वोटिंग बढ़ाने के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है. वहीं चुनाव आयोग से भी अनुरोध किया गया है कि मतदान केन्द्रों पर छाया, पानी के अलावा मतदाताओं को घर से लाने की व्यवस्था की जाए.'
यहां पढ़ें... मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी से मतदाताओं को संदेश, कोई भी बाधा आए लेकिन जरूर करें मतदान विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह दिख रहे मजबूत लेकिन बेटे को सता रहा हार का डर |
2019 में चुनाव में वोट प्रतिशत
दूसरे चरण में मध्य प्रदेश की टीकमगढ, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद सीट पर चुनाव होना है.
- टीकगमढ़ सीट पर 66.57 फीसदी मतदान
- दमोह सीट पर 65.82 फीसदी मतदान
- खजुराहो सीट पर 68.28 फीसदी मतदान
- सतना सीट पर 70.71 फीसदी मतदान
- रीवा सीट पर 60.33 फीसदी मतदान
- होशंगाबाद सीट पर 74.17 फीसदी मतदान हुआ था.