भोपाल: मध्य प्रदेश के कर्मचारी अब महंगाई भत्ता और महंगाई राहत सहित अपनी कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं. अपनी आधा दर्जन मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन 25 अक्टूबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के मुताबिक अपनी मांगों को लेकर अभी निश्चित समय के लिए प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी जाएगी. इसके बाद भी यदि कर्मचारियों की आवाज को नहीं सुना गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
इन मांगों को लेकर सड़क पर उतरने जा रहे कर्मचारी
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि 'प्रदेश सरकार से लगातार मांग करने के बाद भी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का लाभ नहीं दिया जा रहा है. केन्द्र के कर्मचारियों के मुकाबले मध्य प्रदेश के कर्मचारी 7 फीसदी कम डीए पा रहे हैं. इसका लाभ कर्मचारियों को जनवरी माह से ही मिल जाना था, लेकिन अब तक कर्मचारी इसको लेकर मांग ही कर रहे हैं.
कर्मचारी संगठन सरकार से अनुकंप नियुक्ति में सीपीसीटी खत्म करने की भी मांग कर रहे हैं. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण पेंडिंग हैं. अनुकंपा नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को दफ्तरों के लगातार चक्कर काटने पड़ रहे हैं. वहीं इसमें सरकार सीपीसीटी अनिवार्य किए हैं, जबकि हमारी मांग है कि इसे समाप्त किया जाए. सर्विस में आने के बाद सीपीसीटी करने के लिए समय सीमा दी जाए. कर्मचारी संगठन सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन एवं गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग कर रहे हैं. उनके मुताबिक जिस तरह से महंगाई बढ़ी है. उसके मुकाबले वाहन और गृह भाड़ा भत्ता नहीं बढ़ाया गया.
अभी चेतावनी फिर होगा उग्र आंदोलन
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र सिंह के मुताबिक 'यह बेहद दुखद है कि कर्मचारियों को डीए जैसा अपना हक लेने के लिए भी सरकार को ज्ञापन देना पड़ रहा है, लेकिन अब कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं. यदि इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.