भोपाल। मध्यप्रदेश में एक तरफ मोहन यादव सरकार किसानों को राहत देने के लिए राजस्व महाअभियान चला रही है वहीं, इस अभियान में अवसर देख रहे राजस्व अधिकारी इसमें रिश्वतखोरी का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. एक किसान ने अफसरों की करतूत को आइने में उतार लिया. किसान ने भ्रष्टाचार का शपथ पत्र तैयार करवाया. रिश्वत का ये एफिडेविट अपनी शिकायत के साथ मंत्री को सौंपकर किसान ने कहा "लीजिए मंत्रीजी आपके अधिकारियों का ये है कच्चा चिट्ठा."
किसान ने राजस्व मंत्री को दिया रिश्वत का एफिडेविट
दरअसल, किसान अजब सिंह भोपाल के नजदीक बिशनखेड़ी गांव के रहने वाले हैं. इनकी जमीन के सीमांकन का आदेश 24 मई को जारी किया गया. लेकिन इसके बाद पटवारी तरुण श्रीवास्तव ने सीमांकन के एवज में किसान अजब सिंह से 35 हजार की मांग रखी. किसान अजब सिंह ने बताया "उसे कहा गया कि 28 हजार सीमांकन के पहले नगद और बाकी राशि सीमांकन के बाद दें. पटवारी ने सर्वेयर संचालक को भी 18 हजार की राशि दिलवाई. पटवारी ने कहा कि इन्हें भी 2 हजार की और राशि सीमांकन के बाद देनी होगी." अजब सिंह का कहना "इस तरह से पटवारी ने 28 हजार ले लिए." अजब सिंह ने रिश्वत का पूरा ब्यौरा शपथ पत्र में दिया है. किसान अजब सिंह ने ये शपथपत्र राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के सामने पेश कर दिया.
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किसान ने मंत्री करण सिंह से क्या गुहार लगाई
किसान अजब सिंह ने इस शपथ पत्र के साथ अपनी शिकायत राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को दर्ज कराई है. शिकायत में किसान अजब सिंह ने लिखा "सर्वे संचालक और पटवारी ने पैसे लेने के बावजूद आज तक सीमांकन का सूचना पत्र जारी नहीं किया. ना ही पैसे वापस किए." अजब सिंह ने अब मंत्री करण सिंह वर्मा से गुहार लगाई है कि वे रिश्वत में दी गई राशि वापस करवाएं. इसके साथ ही पटवारी तरुण श्रीवास्तव को निलंबित करें. वहीं, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा से जब ईटीवी भारत ने इस मामले में बात की तो उनका कहना है "इस मामले की पूरी पड़ताल करवाई जा रही है. मैं खुद इस मामले में पीएस से बात कर रहा हूं."