ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में जहां भारतीय जनता पार्टी प्रचार प्रसार में जुट चुकी है, वहीं कांग्रेस अभी 28 सीटों पर पूरे कैंडिडेट घोषित नहीं कर पाई है. भले ही तीन सूचियों में मध्य प्रदेश के 25 उम्मीदवारों के नाम कांग्रेस ने घोषित कर दिये हों, लेकिन तीन सीटें अब भी बाकी हैं जिनमें चंबल अंचल की दो सीटें ग्वालियर और मुरैना पर स्थिति स्पष्ट नहीं है. राजनीतिक एक्सपर्ट की मानें तो इसकी बड़ी वजह कांग्रेस की अंतर्कलह है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत सोच समझकर प्रत्याशी पर मुहर लगायी जा रही है.
ग्वालियर लोकसभा सीट पर राह ताक रहे कांग्रेसी
सिंधिया घराने के इर्द गिर्द रही ग्वालियर लोकसभा सीट पर यहां भारतीय जनता पार्टी ने भारत सिंह कुशवाह को बतौर उम्मीदवार उतार दिया है. मध्य प्रदेश में राज्यमंत्री रहे भारत सिंह कुशवाह भले ही विधानसभा चुनाव हार गए, लेकिन लोकसभा में उम्मीदवार बनाने से उनके समर्थकों में उम्मीद जागी है और अब भारत सिंह ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र की जमीन नापने में लगे हुए हैं. वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ता अब तक प्रत्याशी घोषित होने की राह ताक रहे हैं.
कांग्रेस में अंतर्कलह, टिकट को लेकर भी अंदरूनी खीचतान
वरिष्ठ पत्रकार और राजनैतिक विश्लेषक देव श्रीमाली कहते हैं,- " कांग्रेस इस समय अंतर्कलह से जूझ रही है. कांग्रेस हारे या जीते कांग्रेस की लड़ाई कांग्रेस से ही होती है. यही टिकट को लेकर चल रहा है. किसी को जीतू पटवारी टिकट देना चाहते हैं, दिग्विजय सिंह टिकट देना चाहते हैं, तो किसी को उमंग सिंघार टिकट देना चाहते हैं. जनता और कार्यकर्ता किसे टिकट देना चाहते हैं इस पर कोई चर्चा हो नहीं रही है."
ग्वालियर में दो नामों पर चर्चा
राजनैतिक विश्लेषक देव श्रीमाली के मुताबिक- "ग्वालियर चंबल अंचल की दोनों सीटों पर जातिगत समीकरण भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से ये टिकट होल्ड पर है. ऐसा पहली बार नहीं है यहां हमेशा ही कांग्रेस इन सीटों पर जीतती भी रही है और हारती भी रही है. बात दावेदारों की करें तो यहां से दो नामों पर चर्चा है पहला राम सेवक सिंह बाबूजी और दूसरे पूर्व विधायक प्रवीण पाठक. दोनों ही अच्छे दावेदार हैं क्योंकि इनके वोटबैंक और जातिगत आधार अच्छा हैं. अब तय कांग्रेस को करना है कि किसे मैदान में उतारना है."
मुरैना लोकसभा सीट पर भी इंतजार
मुरेना लोकसभा क्षेत्र में जहां इस बार नरेंद्र सिंह की जगह अब बीजेपी ने शिव मंगल सिंह को मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस के लिए यहां से उम्मीदवार का चयन टेढ़ी खीर नज़र आ रहा है. यहां लगभग 24 साल से कांग्रेस अपना लोकसभा सांसद बनाने का सपना देख रही है, लेकिन अब तक सितारे BJP के बुलंद रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी उम्मीद है कि मुरैना से कोई दमदार प्रत्याशी होना चाहिए. फिलहाल यहां से पंकज उपाध्याय और सत्यपाल सिंह 'नीटू' का नाम आगे है. लेकिन, मुहर किस पर लगेगी अभी कहना मुश्किल है.
'कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीक़े से घोषित करती है प्रत्याशी'
इस लेट लतीफी को लेकर जब कांग्रेस से बात की गई तो कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि "कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से अपने कैंडिडेट चुनती है. BJP में तो सिर्फ़ दो लोग हैं जिन्हें अपने प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगानी होती है. लेकिन यहां तानाशाही नहीं बल्कि सभी समीकरणों और जनता और कार्यकर्ताओं की डिमांड पर अपना प्रत्याशी फाइनल करना होता है. ग्वालियर और मुरैना सीट पर भी अब ज़्यादा समय नहीं है जल्द ही इन दोनों सीटों के प्रत्याशी भी सबके सामने घोषित हो जाएंगे."