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एग्जाम में नकल रोकने के लिए भिंड जिला प्रशासन ने अपनाया गजब तरीका, कोचिंग के टीचर्स नजरबंद

Bhind 10th 12th board exam : शिक्षा विभाग ने भिंड ज़िले में अंग्रेज़ी विषय के कोचिंग शिक्षकों को सर्किट हाउस पर नज़रबंद कर लिया. गुरुवार को 12वीं के अंग्रेज़ी विषय का पेपर था. यह कदम नक़ल रोकने के नाम पर उठाया गया. कोचिंग शिक्षक इसे अपमानजनक मान रहे हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.

bhind board exam cases copying cheating
नकल रोकने भिंड जिला प्रशासन ने अपनाया गजब तरीका
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 1:43 PM IST

नकल रोकने भिंड जिला प्रशासन ने अपनाया गजब तरीका

भिंड। भिंड ज़िले में चुनाव हो या परीक्षा, लोगों को नज़रबंद करना प्रशासन का ट्रेंड सा बन गया है. 2018 और 2023 के चुनाव में जिस तरह प्रत्याशियों को पुलिस की निगरानी में बैठा दिया गया, वैसे ही पिछले तीन वर्षों से हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षाओं में पेपर के समय कोचिंग संचालकों को हर बार नज़रबंद कर दिया जाता है. यही हाल इस वर्ष भी देखने को मिल रहा है. यानी गुरुवार को 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अंग्रेज़ी विषय का पेपर था, जिसके लिए अंग्रेज़ी विषय के ज़िले के टॉप कोचिंग शिक्षकों को भिंड सर्किट हाउस में बैठाया गया.

इसलिए नज़रबंद किए कोचिंग शिक्षक

दरअसल, चंबल क्षेत्र लंबे समय से नकल के लिये बदनामी का दंश झेल रहा है. ऐसे में जब बोर्ड परीक्षाएं आती हैं तो नक़ल की गुंजाइश को ना के बराबर बनाने के लिए ज़िला प्रशासन विषय विशेषज्ञों जोकि ज़िला स्तर पर ज़्यादातर कोचिंग टीचर होते हैं, उन्हें ही निगरानी में बैठा लेते हैं. क्योंकि पूर्व में इस क्षेत्र में सक्रिय नक़ल माफिया ऐसे ही विशेषज्ञों की मदद लेते थे. ऐसे में प्रशासन अब एहतियातन कोचिंग शिक्षकों की नज़रबंदी का प्रयोग करता है. क़रीब दो दर्जन अंग्रेजी विशेषज्ञ कोचिंग शिक्षक भिंड सर्किट हाउस में पुलिस के पहरे में रहे.

क्या बोले शिक्षक

इन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें बुधवार रात ही कॉल कर सुबह 8 बजे सर्किट हाउस में उपस्थित होने के लिए कहा गया. देख जाये तो इस तरह के हालात इस सम्मानीय पद का अपमान है. लेकिन इसका विरोध करने का भी कोई फ़ायदा नहीं है, क्योंकि आप प्रशासन से नहीं लड़ सकते. आज के बच्चे नक़ल के भरोसे नहीं अपनी मेहनत से आगे बढ़ते हैं. इसीलिए हर साल भिंड ज़िले के छात्र मेरिट में अपनी जगह बनाते हैं. हालांकि यहां सभी का अच्छा कॉर्डोनेशन है लेकिन इस तरह नक़ल के शक में यहां बैठाने से सामाजिक छवि ख़राब होती है.

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शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

बीते तीन वर्षों से ज़िला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा भिंड ज़िले में कोचिंग शिक्षकों को अघोषित रूप से नज़रबंद कर लिया जाता था लेकिन इस बार तो ज़िला शिक्षा अधिकारी द्वारा बाक़ायदा एक आदेश जारी किया है. इस मामले में भिंड ज़िला शिक्षा अधिकारी आरपी नागर का कहना है कि ये एक रूटीन व्यवस्था है. जो भिंड ज़िले पिछले कुछ समय से अपनाई जा रही है. इसके पीछे नक़ल रोकने समेत कई अन्य वजहें हैं. इसमें कुछ नया नहीं है. इस बार आदेश डीएम साहब के निर्देश पर जारी किया गया है. हमने सभी कोचिंग शिक्षकों को ससम्मान बैठाया है कहीं को समस्या नहीं है.

नकल रोकने भिंड जिला प्रशासन ने अपनाया गजब तरीका

भिंड। भिंड ज़िले में चुनाव हो या परीक्षा, लोगों को नज़रबंद करना प्रशासन का ट्रेंड सा बन गया है. 2018 और 2023 के चुनाव में जिस तरह प्रत्याशियों को पुलिस की निगरानी में बैठा दिया गया, वैसे ही पिछले तीन वर्षों से हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षाओं में पेपर के समय कोचिंग संचालकों को हर बार नज़रबंद कर दिया जाता है. यही हाल इस वर्ष भी देखने को मिल रहा है. यानी गुरुवार को 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अंग्रेज़ी विषय का पेपर था, जिसके लिए अंग्रेज़ी विषय के ज़िले के टॉप कोचिंग शिक्षकों को भिंड सर्किट हाउस में बैठाया गया.

इसलिए नज़रबंद किए कोचिंग शिक्षक

दरअसल, चंबल क्षेत्र लंबे समय से नकल के लिये बदनामी का दंश झेल रहा है. ऐसे में जब बोर्ड परीक्षाएं आती हैं तो नक़ल की गुंजाइश को ना के बराबर बनाने के लिए ज़िला प्रशासन विषय विशेषज्ञों जोकि ज़िला स्तर पर ज़्यादातर कोचिंग टीचर होते हैं, उन्हें ही निगरानी में बैठा लेते हैं. क्योंकि पूर्व में इस क्षेत्र में सक्रिय नक़ल माफिया ऐसे ही विशेषज्ञों की मदद लेते थे. ऐसे में प्रशासन अब एहतियातन कोचिंग शिक्षकों की नज़रबंदी का प्रयोग करता है. क़रीब दो दर्जन अंग्रेजी विशेषज्ञ कोचिंग शिक्षक भिंड सर्किट हाउस में पुलिस के पहरे में रहे.

क्या बोले शिक्षक

इन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें बुधवार रात ही कॉल कर सुबह 8 बजे सर्किट हाउस में उपस्थित होने के लिए कहा गया. देख जाये तो इस तरह के हालात इस सम्मानीय पद का अपमान है. लेकिन इसका विरोध करने का भी कोई फ़ायदा नहीं है, क्योंकि आप प्रशासन से नहीं लड़ सकते. आज के बच्चे नक़ल के भरोसे नहीं अपनी मेहनत से आगे बढ़ते हैं. इसीलिए हर साल भिंड ज़िले के छात्र मेरिट में अपनी जगह बनाते हैं. हालांकि यहां सभी का अच्छा कॉर्डोनेशन है लेकिन इस तरह नक़ल के शक में यहां बैठाने से सामाजिक छवि ख़राब होती है.

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शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

बीते तीन वर्षों से ज़िला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा भिंड ज़िले में कोचिंग शिक्षकों को अघोषित रूप से नज़रबंद कर लिया जाता था लेकिन इस बार तो ज़िला शिक्षा अधिकारी द्वारा बाक़ायदा एक आदेश जारी किया है. इस मामले में भिंड ज़िला शिक्षा अधिकारी आरपी नागर का कहना है कि ये एक रूटीन व्यवस्था है. जो भिंड ज़िले पिछले कुछ समय से अपनाई जा रही है. इसके पीछे नक़ल रोकने समेत कई अन्य वजहें हैं. इसमें कुछ नया नहीं है. इस बार आदेश डीएम साहब के निर्देश पर जारी किया गया है. हमने सभी कोचिंग शिक्षकों को ससम्मान बैठाया है कहीं को समस्या नहीं है.

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